इस संसार में अनेको समुदाय है अनेको जातीया है व कई धर्म है। इन समुदायों इन जातियों व इन धर्मो की अपनी अपनी परम्पराये है जो इनमे शामिल लोगो के दुवारा निभाई जाती है। ये परम्पराये इतनी विचित्र है ही जब लोग इनके बारे में सुनते है तो हैरान हो जाते है। भारत जैसे बड़े देश जिसमे जातियों और समुदायों का भंडार है वहाँ परम्परा की अधिकता है। हमारे देश के बारे में कहाँ जाता है की यहाँ प्रत्येक 50 किलोमीटर के बाद लोगो की भाषा व परम्पराये बदल जाती है।
आज हम आपको एक ऐसी परम्परा के बारे में बतायेगे जिसे सुनकर आप हैरान हो जायेगे लेकिन कमाल की बात ये है की ये परम्परा आज के युग में भी निभाई जाती है। इस परंपरा के अंतर्गत महिलाओ को निवस्त्र रहना पड़ता है। ये परम्परा हिमाचल प्रदेश के मणिकर्ण घाटी में पीणी गांव के लोगो दुवारा निभाई जाती है। ये परम्परा यहाँ के लोगो का रीती रिवाज है। ऐसा नहीं है की इस गांव की महिला को हमेशा निवस्त्र रहना पड़ता है केवल साल में पांच दिन उन्हें ये परम्परा निभानी पड़ती है। ये परम्परा केवल शादीशुदा महिलाये ही निभाती है।
गांव के लोगो का मानना है की अगर गांव की औरते इस परंपरा को नहीं निभाती है तो उनके घर में अशुभ हो जाता है। इस परम्परा की शुरुआत के पीछे एक कहानी छिपी है जो अक्सर गांव वालो को पूछने पर वह बताते है यहाँ के लोगो के कहे अनुसार इस गांव पर एक राक्षस का साया था। ये राक्षस यहाँ की सुन्दर कपडे पहनने वाली औरतो को उठा ले जाता था बाद में उस राक्षस को देवताओ में मार दिया था तब से ये परम्परा चली आ रही है। गांव के लोग इन पांच दिनों में हसना भी बंद कर देते है वही औरते अपने आप को सांसारिक दुनिया से अलग कर लेती है। इन पांच दिनों में औरते पुरुषो के सामने नहीं आती है। इस परम्परा को निभाने के पीछे की कहानी का वास्तविक सच तो हम नहीं जानते लेकीन गांव वालो के कहे अनुसार हमने आपको ये कहानी बताई है अब ये हकीकत है या केवल एक फ़साना। ये रिसर्च का विषय है।