नई दिल्ली। अंटार्कटिका में कुदरत ने एक अजीबो-गरीब बदलाव किया है। जिसे देख कर वैज्ञानिक भी हैरान रह गए हैं। अंटार्कटिका में बर्फ का रंग अपने आप बदल रहा है। सफेद रंग की बर्फ अब हरे रंग में तब्दील हो रही है। इसे देख कर वैज्ञानिक भी परेशान है क्योंकि ऐसा क्लाइमेट चेंज की वजह से हो रहा है या किसी और कारण से यह पता किया जा रहा है। ये बदलाव इतना बड़ा है कि स्पेस से भी इसे देखा जा सकता है। बुधवार को छपी एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि सफेद रंग के बर्फ के पहाड़ों का हरे रंग में बदलना शैवाल की वजह से हो सकता है। अंटार्कटिका में काफी वक्त से शैवाल मौजूद हैं। वैज्ञानिक बता रहे हैं कि शैवाल अब इतनी अधिक मात्रा में हो गए हैं कि बर्फ का रंग सफेद से बदलकर हरा होने लगा है। ब्रिटिश खोजकर्ता अर्नेस्ट शैकेलटन ने इस बारे में जानकारी दी है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सेंटीनल 2 सैटेलाइट के जरिए 2 वर्षों का डाटा जमा किया है। अंटार्कटिका की सतह का विश्लेषण किया गया है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज और ब्रिटिश अंटार्कटिका सर्वे ने साथ मिलकर एक मैप बनाया है। इस मैप में शैवाल के तेजी से बढ़ने का पता चलता है। खासकर अंटार्कटिका पेनिनसुला तट पर इसकी मात्रा ज्यादा पायी गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों ने बताया है कि वो इस बात की जांच कर रहे हैं कि शैवाल कहां से बढ़ रहे हैं और क्या भविष्य में ये और ज्यादा तेजी से बढ़ सकते हैं। शैवाल की खासियत होती है कि वो वातावरण से कार्बन डाइक्साइड को सोख लेते हैं। वैज्ञानिक बता रहे हैं कि इसका सीधा मतलब है कि इस इलाके में कार्बन का उत्सर्जन बढ़ा है। उनका कहना है कि इस इलाके में यूके की पेट्रोल कारों की सफर की वजह से कार्बन का उत्सर्जन काफी बढ़ा है। वैज्ञानिक सिर्फ हरे रंग की नहीं बल्कि लाल और नारंगी रंग के शैवाल पर भी रिसर्च कर रहे हैं। हालांकि ये स्पेस से दिखाई नहीं देता है।