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22 साल से एक ही जगह पर बैठकर कठोर तपस्या कर रहा यह हठ योगी, वजह...

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 1 2020 10:13AM | Updated Date: Mar 1 2020 10:14AM
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रायगढ़। बाबा का जन्म रायगढ़ जिले के कोसमनारा से करीब 19 दूर देवरी-डूमरपाली में एक गरीब किसान दयानिधि साहू और हंसमती के घर 12 जुलाई, 1984 को हुआ था। बताते हैं कि जब बाबा की उम्र 14 साल की थी, एक दिन स्कूल जाते समय उनके दिमाग में पता नहीं क्या आया कि वे रायगढ़ की तरफ निकल पड़े। इस तरह वे अपने गांव से 19 किमी दूर कोसमनारा जा पहुंचे। फिर वहीं के होकर रह गए। बताते हैं कि जब बाबा की उम्र 14 साल की थी, एक दिन स्कूल जाते समय उनके दिमाग में पता नहीं क्या आया कि वे रायगढ़ की तरफ निकल पड़े। इस तरह वे अपने गांव से 19 किमी दूर कोसमनारा जा पहुंचे। फिर वहीं के होकर रह गए।
 
बताते हैं कि बाबा शिवजी के भक्त हैं। यहां आकर उन्होंने शिवलिंग की स्थापना की। फिर पूरा जीवन शिवजी को समर्पित कर दिया।बताते हैं कि बाबा शिवजी के भक्त हैं। यहां आकर उन्होंने शिवलिंग की स्थापना की। फिर पूरा जीवन शिवजी को समर्पित कर दिया।
 
बाबा के बचपन का नाम हलधर था। लेकिन पिता उन्हें सत्यनारायण कहकर पुकारने लगे थे। गांववाले बताते हैं कि बचपन से ही बाबा शिवजी के भक्त थे। उन्होंने बचपन में 7 दिनों तक शिवजी की तपस्या की थी।बाबा के बचपन का नाम हलधर था। लेकिन पिता उन्हें सत्यनारायण कहकर पुकारने लगे थे। गांववाले बताते हैं कि बचपन से ही बाबा शिवजी के भक्त थे। उन्होंने बचपन में 7 दिनों तक शिवजी की तपस्या की थी।
 
इस जगह पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है। लोगों का कहना है कि बाबा किसी से कुछ नहीं लेते। वे समाज की भलाई और पर्यावरण आदि के संरक्षण के लिए यह तपस्या कर रहे हैं।इस जगह पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है। लोगों का कहना है कि बाबा किसी से कुछ नहीं लेते। वे समाज की भलाई और पर्यावरण आदि के संरक्षण के लिए यह तपस्या कर रहे हैं।
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