चीन पर पिछले दिनों जासूसी गुब्बारों को आसमान में छोड़ने के आरोप लगे थे। अमेरिका ने ऐसे ही एक गुब्बारे को मार गिराया था। जिसको लेकर वहीं भारत भी पिछले साल कुछ गुब्बारे नजर आने की बात कहता रहा है। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई कि उससे जासूसी की जा रही थी या फिर कुछ। वहीं एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन का एक रॉकेट नेपाल के आसमान में अंतरिक्ष से वापस आते समय जल गया। रिपोर्ट के अनुसार ऐसे रॉकेट का इस्तेमाल चीन जासूसी सैटेलाइट को अंतरिक्ष में पहुंचाने के लिए करता है।
दरअसल अंतरिक्ष तक जासूसी सैटेलाइट पहुंचाने वाला एक रॉकेट शनिवार को नेपाल में जलकर राख हो गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह जानकारी अमेरिकी नेवल इंस्टीट्यूट (यूएस नेवल इंस्टीट्यूट) ने दी है।
बताया जा रहा है कि ऐसी ऐस्ट्रोफिजिसिस्ट जोनाथन मैकडॉवेल के मुताबिक 200 दिनों से ज्यादा समय तक आसमान में रहने के बाद शनिवार को चैंग झेंग 2डी 'लॉन्ग मार्च' रॉकेट वायुमंडल में फिर से प्रवेश किया। इसके बाद नेपाल के आसमान में जल गया। रिपोर्ट के मुताबिक इस रॉकेट का वजन लगभग 4 टन बताया जा रहा है। वहीं अब ये अंतरिक्ष के कचरे में बदल गया है। यह रॉकेट चीन के नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन वाई-65 मिशन का हिस्सा था। 29 जुलाई को इसी ने मध्य चीन में स्थित शिंचांग सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से तीन मिलिट्री इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस सैटेलाइट्स को पहुंचाया था।