ईरान के पूर्व राष्ट्रपति अकबर हाशमी रफसंजानी की बेटी फैज़ेह हाशमी को पांच साल जेल की सजा सुनाई गई है। उनके वकील ने इसकी पुष्टि की है। हालांकि उन्हें किन आऱोपों में ये सजा सुनाई गई है, इस बात की जानकारी नहीं दी गई है। स्थानीय मीडिया ने बताया कि तेहरान के सरकारी वकील ने पिछले साल उन्हें “सिस्टम के खिलाफ प्रचार” के आरोप में दोषी ठहराया था । पिछले साल सितंबर में, ईरान की नैतिकता पुलिस की हिरासत में 22 वर्षीय कुर्द महिला महसा अमिनी की मौत के बाद से देश में विरोध प्रदर्शनों के दौरान तेहरान में “दंगे भड़काने” के आरोप में फैज़ेह हाशमी को गिरफ्तार किया गया था। बचाव पक्ष की वकील नेदा शम्स ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, “फैज़ेह हाशमी की गिरफ्तारी के बाद उन्हें पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन यह सजा फाइनल नहीं है।”
इससे पहले 2012 में भी फैज़ेह हशमी को जेल की सजा सुनाई गई थी और 2009 के विवादित राष्ट्रपति चुनाव में “राज्य विरोधी प्रोपेगेंडा” के लिए राजनीतिक गतिविधियों से प्रतिबंधित कर दिया गया था। बता दें, महसा अमिनी की मौत के बाद ईरान में विरोध प्रदर्शन पिछले कई महीनों से जारी है। इससे पहले खबर आई थी कि ईरान सरकार ने उन लोगों को भी सजा सुनाई थी जिन्होंने देश में जारी विरोध प्रदर्शन के समर्थन में हड़ताल का आह्वान किया था। इसमें 4 लोगों को 10 साल तक की सजा सुनाई गई थी। ईरान की न्यायपालिका ने रविवार को घोषणा की थी कि सरकार के खिलाफ चल रहे देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के समर्थन में हड़ताल का आह्वान करने के लिए चार लोगों को 10 साल तक की जेल की सजा सुनाई गई है। यह पहली बार था जब न्यायपालिका ने स्ट्राइक जैसे किसी कदम के लिए जेल की सजा की घोषणा की। पिछले महीने की शुरुआत में कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया के जरिए प्रदर्शनकारियों के समर्थन में तीन दिन की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था।