23 Apr 2024, 17:45:20 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » World

अमेरिका में मिला कोरोना का XBB।1।5 वेरिएंट, जानें भारत पर क्या होगा असर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 31 2022 9:40PM | Updated Date: Dec 31 2022 9:40PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

एक तरफ जहां चीन में कोरोना का बीएफ7 वेरिएंट कहर बरपा रहा है तो वहीं अमेरिका में भी कोरोना से हालात बिगड़ते नजर आ रहे हैं। लेकिन यहां इसकी वदह बीएफ7 नहीं वहीं ओमिक्रॉन का एक सब वेरिएंट XBB।1।5 है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की तरफ से जारी किए आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में 40 फीसदी से अधिक मामलों के पीछे इसी सबवेरिएंट का हाथ है। वहीं इस सब वेरिएंट ने अब भारत में भी दस्तक दे दी है। भारत में शुक्रवार को XBB।1।5 का पहला मामला सामने आया। ये मामला गुजरात से सामने आया है। इस बीच एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमिक्रॉन के सभी सब वेरिएंट XBB।1।5 सबसे ज्यादा परेशान कर सकता है। पढ़िए इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें XBB ओमिक्रॉन के दो सब वेरिएंट में हुए म्यूटेशन से बना है। वैज्ञानिक अभी भी XBB सबवेरिएंट को स्टडी करने के शुरुआती चरण में हैं। उन्होंने कहा कि उस सबवेरिएंट का एक और रूप सामने आया था, जिसे XBB।1।5 के रूप में जाना जा रहा है।
 
अपेकिंग यूनिवर्सिटी के बायोकेमिस्ट यूनलॉन्ग काओ के अनुसार, XBB।1।5, XBB की तुलना में अधिक प्रतिरोधी नहीं है लेकिन ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो सकते हैं। वैज्ञानिक जेपी वेइलैंड ने कहा, “ओमिक्रॉन की पहली लहर (बीए।1) के बाद से XBB।1।5 किसी भी वेरिएंट की तुलना में तेज़ और अधिक निरंतर दिखाई देता है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि अक्टूबर में, यूनलॉन्ग काओ और उनके सहयोगियों ने बताया कि एक्सबीबी और तीन अन्य सबवैरिएंट उन लोगों के ब्लड सैंपल के एंटीबॉडी के लिए पूरी तरह से प्रतिरोधी बन गए थे, जिन्हें वैक्सीन दी गई थी या जिन्हें कोविड संक्रमण था। XBB।1।5 को सबसे पहले JP Weiland ने कुछ हफ़्ते पहले नोट किया था। एक्सपर्ट्स के मुताबिक कोरोना वायरस के ऑरिजिनल वेरिएंट के साथ बीए4 और बीए5 सबवेरिएंट को टारगेट करने वाले कोविड बूस्टर शॉट XBB से थोड़ी सुरक्षा दे सकते हैं लेकिन पूरी तरह से इस पर निर्भर नहीं रहा जा सकता।
 
अक्टूबर में, WHO ने कहा था कि XBB सबवैरिएंट का वैश्विक प्रसार 1।3 फीसदी है और यह 35 देशों में पाया गया है। SARS-CoV-2 वायरस इवोल्यूशन पर WHO के तकनीकी सलाहकार समूह ने एक उच्च पुन: संक्रमण जोखिम की ओर इशारा करते हुए शुरुआती सबूत पाए थे। हालांकि, दोबारा संक्रमण के मामले उन्हीं लोगों तक सीमित थे जो शुरुआती दौर में संक्रमित हुए थे। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की तरफ से चेतावनी दी गई थी कि XBB-सब-वैरिएंट में होने वाला उत्परिवर्तन कोरोना वैक्सीन के असर को और कम कर सकता है। लोगों को संक्रमित करने के अलावा ये सब वेरिएंग अन्य गंभीर बीमारियों के खतरे को भी बढ़ा सकता है। वहीं भारत में XBB।1।5 के असर की बात करें तो एक्स्पर्ट्स का कहना है कि भारत को ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसी परिवार के सब वेरिएंट XBB से संक्रमित होकर लोग ठीक भी हो चुके हैं। हालांकि अमेरिका में बिगड़ती स्थिति को देखते हुए सतर्क रहना जरूरी है।

 

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »