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इमरान ने ईसीपी के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का किया रुख

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 12 2022 4:15PM | Updated Date: Jun 12 2022 4:15PM
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इस्लामाबाद । पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने 11 मई को पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) की उस घोषणा को चुनौती देते हुए देश के सर्वोच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की है, जिसमें नेशनल असेंबली के 20 पार्टी असंतुष्ट सदस्यों के खिलाफ अयोग्यता संदर्भों को खारिज कर दिया गया था। अंग्रेजी दैनिक ‘डान’ ने रविवार को यह जानकारी दी। डॉ आमिर लियाकत हुसैन के निधन के साथ, पीटीआई के वकील के माध्यम से पार्टी असंतुष्टों के खिलाफ केवल 19 अपीलों का एक सेट पेश किया गया था। मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय ईसीपी पीठ ने सर्वसम्मति से अयोग्यता के संदर्भों को खारिज कर दिया, जिन्हें पीटीआई द्वारा 20 असंतुष्ट एमएनए के खिलाफ आयोग को इस आधार पर भेजा गया था कि संविधान का अनुच्छेद 63 ए, जो सांसदों से संबंधित है। दलबदल के लिए अयोग्यता, उन 20 एमएनए पर लागू नहीं हुई, जिन्होंने पिछले महीने पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में मतदान किये थे।
 
एक याचिका में नेशनल असेंबली में वर्तमान विपक्षी नेता, राजा रियाज़ पर विपक्ष के पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के प्रति अपनी वफादारी को बदलकर सबसे ‘विश्वासघाती और धोखेबाजी’ तरीके से कार्य करने का आरोप लगाया गया था। उन्होंने आठ मार्च को संसद में पेश तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में भी सक्रिय तौर पर भाग लिया था। याचिका में यह आरोप लगाया गया था कि रियाज ने पार्टी के अनुशासन का उल्लंघन किया और कानून एवं संविधान की पूरी अवहेलना करते हुए पीटीआई के अन्य सदस्यों के साथ दलबदल अभियान का नेतृत्व किया, जिससे लोकतंत्र, संविधान, पार्टी तथा जनता को नुकसान हुआ।
 
पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान ने रियाज की संदिग्ध और पीटीआई विरोधी गतिविधियों को लेकर 19 मार्च को कारण बताओ नोटिस जारी किया, लेकिन रियाज ने नोटिस लेने से इनकार कर दिया।रियाज पर आरोप था कि उन्होंने इस्तीफा दिए बिना किसी अन्य संसदीय दल में शामिल होकर पीटीआई और देश की जनता काे धोखा दिया है। याचिका में कहा गया है कि आयोग का आदेश स्थापित सिद्धांतों के अनुरूप नहीं था।
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