सियालकोट। पाकिस्तान में श्रीलंका के नागरिक की कथित ईशनिंदा को लेकर हुई लिंचिंग के लिए दुनियाभर में पड़ोसी मुल्क की आलोचना हो रही है। इसी बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री परवेज खट्टक ने ऐसा ‘बेहुदा’ बयान दिया है, जिसे जानकर उनकी मानसिकता का अंदाजा लगाया जा सकता है। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, लिंचिंग को लेकर बात करते हुए परवेज खट्टक ने कहा, ‘हत्याएं तभी होती हैं, जब युवा लोग भावुक हो जाते हैं।’ पाकिस्तान के सियालकोट में कुछ दिन पहले ही एक श्रीलंकाई नागरिक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी और उसके शव को जला दिया गया था। लिंचिंग के इस मामले को सरकार द्वारा तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) से पर से हटाए गए बैन से जोड़कर न देखा जाए। TLP पाकिस्तान की एक कट्टरपंथी पार्टी है, जिसने कुछ महीने पहले ही फ्रांस विरोधी प्रदर्शनों की अगुवाई की थी। इसके बाद इमरान खान (Imran Khan) सरकार ने TLP पर बैन लगा दिया। रक्षा मंत्री ने रविवार को पेशावर में एक प्रेस वार्ता के दौरान एक संवाददाता को जवाब देते हुए यह टिप्पणी की। दरअसल, रिपोर्टर ने पूछा था कि क्या इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार TLP जैसे समूहों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई पर विचार कर रही है।
शुक्रवार को सियालकोट में एक फैक्ट्री मैनेजर प्रियंता कुमारा दियावदाना की भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी। उस पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था। बाद में भीड़ ने उसके शव को जला दिया। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए कई वीभत्स वीडियो क्लिप में भीड़ को ईशनिंदा के खिलाफ नारे लगाते हुए पीड़ित को पीटते हुए देखा जा सकता है। इस घटना की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ-साथ देशभर ने निंदा की। इमरान ने इस शर्म का एक दिन बताया। वहीं, इस हत्या के पीछे TLP का हाथ होने की बात कही गई। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री खट्टक ने कहा, ‘आप इस घटना के पीछे की वजह जानते हैं। जब बच्चे बड़े होते हैं, तो उनमें जोश होता है और वो भावुक होकर इस तरह की चीजें कर देते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘इसका मतलब ये नहीं है कि इस घटना की वजह वह है। सियालकोट में भी कुछ युवकों ने इकट्ठा होकर कुमार पर इस्लाम का अनादर करने का आरोप लगाया, जिसकी वजह से ये लिंचिंग हुई।’ खट्टक ने आगे कहा कि वह भी भावुक होने की स्थिति में कुछ भी गलत कर सकते हैं। लेकिन ऐसी घटनाओं का ये मतलब नहीं है कि पाकिस्तान विनाश की ओर बढ़ रहा है। खट्टक ने यह भी कहा कि जवान लड़के कुछ भी करने के लिए तैयार होते हैं और वह उम्र के साथ सीखते हैं कि अपनी भावनाओं को कैसे नियंत्रित किया जाए।