डॉयचे वेले। फ्रांस ने ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल से प्रवासी संकट पर आयोजित एक बैठक में शामिल होने का निमंत्रण वापस ले लिया है। इसके पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस संकट के दौरान फ्रांस के रवैये की आलोचना की थी। जॉनसन ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों को एक चिट्ठी लिखी थी जिसकी फ्रांस ने निंदा की है। फ्रांस के गृह मंत्री जेराल्ड दारमानिन के एक करीबी सूत्र ने चिट्ठी को "अस्वीकार्य और साझेदारों के बीच चल रही बातचीत के भाव के विरुद्ध" बताया। फ्रांसीसी सरकार के प्रवक्ता गेब्रियल अत्तल ने एक मीडिया संस्थान को बताया, "दारमानिन ने पटेल से कह दिया कि अब उनका स्वागत नहीं है" ब्रिटेन की सरकार ने कहा है कि उससे उम्मीद है कि फ्रांस इस फैसले पर पुनर्विचार करेगा। ब्रिटेन के यातायात मंत्री ग्रांट शप्पस ने बीबीसी न्यूज को बताया, "कोई देश इस संकट से अकेले नहीं जूझ सकता है इसलिए मुझे उम्मीद है कि फ्रांसीसी इस पर पुनर्विचार करेंगे" कुछ ही दिनों पहले दोनों देश के बीच स्थित इंग्लिश चैनल में एक नाव के डूब जाने से 27 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें 17 पुरुष, सात महिलाएं और तीन किशोर लड़कियां शामिल थीं। स्थानीय मछुआरों के मुताबिक बुधवार को मौसम बहुत ज्यादा ठंडा था लेकिन सामान्य से ज्यादा संख्या में प्रवासी ब्रिटेन के लिए रवाना हो गए क्योंकि समुद्र शांत था। बुधवार को विमोरो के नजदीक प्रवासियों के एक समूह को रबर वाली एक नौका लेकर समुद्र की ओर जाते देखा गया।
यही समूह 30 किलोमीटर समुद्र पार कर कई घंटों में दक्षिणी इंग्लैंड के डंजीनेस में उतरता देखा गया। अफगानिस्तान, इराक और कई और देशों से भागने वाले प्रवासी अक्सर इस तरह भरी हुई नावों में इस तरह की जोखिम भरी यात्रा करते हैं। लेकिन ब्रिटेन और फ्रांस के बीच स्थित इस संकरे से समुद्री मार्ग में यह अभी तक की सबसे बुरी दुर्घटना थी। हादसे के बाद जॉनसन ने कहा था कि इसमें फ्रांस की गलती थी और दारमानिन ने ब्रिटेन पर "खराब आप्रवासी प्रबंधन" का आरोप लगाया था। इस के बाद ब्रेक्सिट के बाद लागू हुए व्यापार नियमों और मछली पकड़ने के अधिकारों को लेकर पहले से लड़ रहे फ्रांस और ब्रिटेन के बीच झगड़ा बढ़ गया था। शुक्रवार 26 नवंबर को फ्रांसीसी मछुआरों ने सेंट-माइलो में एक छोटे से ब्रिटिश जहाज को रुकने से रोक दिया। उनकी कैलेस के बंदरगाह और चैनल की सुरंग दोनों को ब्लॉक करने की भी योजना है