नई दिल्ली। पाकिस्तान द्वारा रास्ता दिए जाने की घटना को भारत ने अधिक तवज्जो नहीं दी है। भारत के अनुसार अंतराष्ट्रीय नियमों का पालन करना पाकिस्तान की मजबूरी थी। भारत ने पाकिस्तान के इस कदम से बहुत अधिक उम्मीद नहीं बांधी है। भारत का मानना है कि जब तक पाकिस्तान आतंक पर सख्त कार्रवाई नहीं करता है, तब तक उसकी नियत में स्पष्टता नहीं दिखती है। दरअसल, एक दिन पहले पाक ने भारत के लिए अफगानिस्तान जाने के अपने रास्तों को खोल दिया है ताकि वह वहां गेहूं की मदद पहुंचा सके। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने अपने इस फैसल की जानकारी ट्वीट करके दी।
दरअसल मास्को में हुई बैठक के बाद भारत ने अफगानिस्तान को 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेजने की घोषणा की थी। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान से आग्रह किया था कि वह वाघा सीमा के रास्ते जाने की अनुमति दे। जिसके बाद पाकिस्तान ने रास्ता खोला। वहीं अभी कुछ दिन पहले करतारपुर कोरीडार को आम लोगों के लिए खोल दिया गया। इसके बाद चर्चा होने लगी कि दोनों के बीच क्या रिश्ते सुधरने वाले हैं भारत के विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार अभी इस बारे कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। ये तर्क दिया गया कि अभी कुछ दिन पहले ही जब अफगानिस्तान के हालात पर विचार के लिए भारत ने एक बैठक बुलाई तो पाकिस्तान इससे भाग गया। ऐसे में उसकी नियत पर भरोसा करना मुश्किल है। भारत के अनुसार उसकी शुरू से रणनीति साफ है कि अब पाकिस्तान पहले एक्शन युक्त नियत दिखाए, तभी आगे किसी तरह की संभावना बन पाएगी।