इस्लामाबाद। तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के साथ इमरान सरकार की डील परवान नहीं चढ़ पाई है। TLP ने अपने कार्यकर्ताओं को इस्लामाबाद कूच करने का निर्देश दिया है। भारी विरोध प्रदर्शनों और बवाल की आशंका को लेकर सरकार के हाथ पांव फूल गए हैं। नतीजतन इस्लामाबाद और रावलपिंडी में कानून प्रवर्तन एजेंसियों और सुरक्षा बलों ने प्रतिबंधित TLP के प्रदर्शनकारियों को शहर में दाखिल होने से रोकने के लिए सड़कों को कंटेनरों से सील करना शुरू कर दिया है। रावलपिंडी और इस्लामाबाद के जिला प्रशासन ने मंगलवार आधी रात को फैजाबाद चौराहे को अवरुद्ध कर दिया है। वहीं सरकारी एजेंसियों और सुरक्षा बलों ने प्रतिबंधित टीएलपी प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आस पास के इलाकों और सड़कों को कंटेनरों से सील करना शुरू कर दिया। यही नहीं विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के लिए पुलिस ने टीएलपी के रावलपिंडी के मुखिया के आवास पर फिर से छापेमारी शुरू कर दी है। हालांकि उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। दरअसल बातचीत नाकाम होने के बाद पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद ने घोषणा की है कि सरकार देश से फ्रांसीसी राजदूत को निकालने की टीएलपी की मांग को पूरा नहीं कर सकती है। इसके बाद टीएलपी ने कहा है कि उसके कार्यकर्ता इस्लामाबाद की ओर कूंच करेंगे। गैरीसन सिटी में पुलिस की तैनाती जारी है और प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कंटेनरों और कंटीले तारों से सड़कों को बंद कर दिया गया है। वहीं समाचार एजेंसी एएनआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पुलिस ने TLP के रावलपिंडी चैप्टर के प्रमुख के आवास पर छापेमारी की है।
TLP नेता को हिरासत में लिया गया था लेकिन बाद में सरकार द्वारा TLP नेताओं के साथ बातचीत के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था। पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने खुशाब, बहावलपुर टोबा टेक सिंह और मियांवाली के जिला पुलिस अधिकारियों को रावलपिंडी के क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी इमरान अहमर को अतिरिक्त कर्मियों के साथ रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है ताकि कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए रावलपिंडी रेंज पुलिस की सहायता की जा सके।