इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि उनकी सरकार अफगानिस्तान में तालिबान की मदद से सुलह-सफाई के लिए प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के कुछ समूहों के साथ बातचीत कर रही है। आमतौर पर पाकिस्तानी तालिबान के रूप में जाने जाने वाला टीटीपी, अफगान-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र स्थित एक प्रतिबंधित आतंकवादी समूह है। इसने पूरे पाकिस्तान में कई बड़े आतंकवादी हमले किए हैं और हमलों की साजिश रचने के लिए अफगान सरजमीं का कथित तौर पर इस्तेमाल किया है। यह अलग बात है कि टीटीपी ने इस खबर को नकारते हुए कहा कि उनका समूह इस्लामाबाद से किसी तरह की बातचीत किसी स्तर पर नहीं कर रहा है।
ऐसी खबरें थीं कि अगस्त में युद्धप्रभावित देश पर कब्जे के बाद अफगान तालिबान ने टीटीपी के कुछ कट्टर आतंकवादियों को मुक्त कर दिया था जिनमें उसका प्रमुख कमांडर मौलवी फकीर मोहम्मद शामिल था। इमरान खान ने तुर्की सरकार के स्वामित्व वाले टीआरटी वर्ल्ड न्यूज चैनल के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि टीटीपी बनाने वाले अलग-अलग समूह हैं और उनमें से कुछ शांति के लिए पाकिस्तान सरकार से बात करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘इसलिए, हम उनके साथ बातचीत कर रहे हैं। यह सुलह-सफाई की प्रक्रिया है।’ यह अलग बात है कि टीटीपी ने इस खबर को नकारते हुए कहा कि उनका समूह इस्लामाबाद से किसी तरह की बातचीत किसी स्तर पर नहीं कर रहा है।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार आतंकवादियों को हथियार डालने के लिए कह रही है, खान ने कहा, ‘हां, हम उन्हें माफ कर देते हैं और वे सामान्य नागरिक बन जाएं।’ इस सवाल पर कि सरकार के साथ बातचीत के दौरान टीटीपी पाकिस्तान के सुरक्षा बलों पर हमले क्यों कर रहा था, उन्होंने कहा कि यह सिर्फ हमलों का सिलसिला था। खान ने कहा, ‘हो सकता है कि हम अंत में किसी निष्कर्ष या समझौते पर नहीं पहुंच सकें, लेकिन हम बात कर रहे हैं।’ इस सवाल पर कि क्या अफगान तालिबान टीटीपी और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थ के तौर पर काम कर रहा है, खान ने कहा, ‘चूंकि बातचीत अफगानिस्तान में हो रही थी, इसलिए उस अर्थ में हां।’