नई दिल्ली। भारत अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के निमंत्रण पर संयुक्त राज्य अमेरिका में पहले व्यक्तिगत रूप से क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेगा। भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने सोमवार को यह जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि क्वाड के तहत आपसी सहयोग का एजेंडा काफी रचनात्मक और विविध है। श्रृंगला ने आगे कहा, ‘क्वाड समूह में शामिल सभी देश आपसी संपर्क और बुनियादी ढांचे, उभरती प्रौद्योगिकियों, जलवायु कार्रवाई, शिक्षा और सबसे अहम कोरोना वायरस के खिलाफ कार्रवाई के मुद्दों पर काफी सक्रिय हैं – जिसमें वैक्सीन के लिए सहयोग, लचीली और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि क्वाड समूह में अमेरिका, भारत, आस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। अमेरिका क्वाड समूह की बैठक कर रहा है जिसमें समूह के नेता हिस्सा लेंगे। इसके जरिये अमेरिका हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सहयोग और समूह के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने का मजबूत संकेत देना चाहता है। मार्च में अमेरिकी राष्ट्रपति ने क्वाड देशों के नेताओं की पहली शिखर बैठक डिजिटल माध्यम से आयोजित की थी और लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर मुक्त एवं समावेशी हिन्द प्रशांत क्षेत्र को लेकर प्रतिबद्धता प्रकट की थी। समझा जाता है कि इसका परोक्ष संदेश चीन को लेकर था। बीते 16 सितंबर को ही क्वाड को लेकर चीन के बयान के बारे में एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के हाल के उस बयान को उद्धृत किया जिसमें उन्होंने कहा था कि क्वाड टीके, आपूर्ति श्रृंखला, शिक्षा, जलवायु परिवर्तन और कनेक्टिविटी जैसे मुद्दों पर केंद्रित है। बागची के अनुसार, विदेश मंत्री ने कहा था कि क्वाड मुक्त एवं समावेशी हिन्द प्रशांत क्षेत्र एवं अंतरराष्ट्रीय कानून के सम्मान का विचार रखता है। चीन ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की मेजबानी में आयोजित होने वाले आगामी क्वाड शिखर सम्मेलन को लेकर निशाना साधते हुए कहा है कि दूसरे देशों को लक्षित करने के लिए ‘गुटबाजी’ काम नहीं आएगी और इसका कोई भविष्य नहीं है।