काबुल। तालिबान ने उच्च रैंक वाले पाकिस्तानी मंत्री के उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें दोनों देशों की करंसी की अदला-बदली की व्यवस्था की जा सकती है। उसने पाकिस्तानी रुपये में कारोबार करने से इन्कार किया है। समा टीवी ने अफगान सूत्रों के हवाले से बताया कि सांस्कृतिक आयोग के सदस्य अहमदुल्ला वासिक ने तय किया है कि पड़ोसी देशों के बीच लेन-देन 'अफगानी' मुद्रा में ही होगा। यह बयान तब जारी किया गया जब एक दिन पहले अलग-अलग रिपोर्टों में कहा गया है कि पाकिस्तान जल्द ही अफगानिस्तान के साथ रुपये (पाक मुद्रा) में कारोबार शुरू करेगा। इससे उनका मौजूदा वित्तीय घाटा कम होगा।
इन रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देते हुए वासिक ने कहा कि इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है कि कोई बड़ा कारोबार पाकिस्तानी मुद्रा में ही होगा। इससे पहले पाकिस्तान के वित्त मंत्री शौकत तरीन ने सीनेट की स्थायी समिति को बताया कि वह डालर की बचत करने के लिए रुपये में कारोबार करेंगे। इस बीच अफगानिस्तान के सेंट्रल बैंक डा अफगानिस्तान बैंक (डीबीए) के मुताबिक उसे अभी तक उसकी संपत्ति को सीज करने की कोई अधिसूचना नहीं मिली है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका की ओर से अफगानिस्तान के बैंक की संपत्ति जब्त करने की बात कही गई थी। विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने भी तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद अफगानिस्तान को जारी होने वाली रकम को रोकने की चेतावनी दी थी।
समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस (पीआइए) ने सोमवार से काबुल के लिए अपनी वाणिज्यिक उड़ाने शुरू करने का एलान किया है। पीआइए के सीईओ अरशद मलिक ने कहा कि सोमवार को पीआइए की पहली उड़ान इस्लामाबाद से काबुल के लिए रवाना होगी। इसके लिए अफगानिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने पहले ही मंजूरी दे दी है।