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पाकिस्‍तान ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए भारत पर लगाए झूठे आरोप, जानें क्‍या कहा..

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 19 2021 2:30PM | Updated Date: Jul 19 2021 2:30PM
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इस्‍लामाबाद। पाकिस्‍तान अपनी नाकामी को छिपाने के लिए हर बार भारत पर आरोप लगाता रहा है। चाहे वो एफएटीएफ में ग्रे सूची में बने रहने की बात हो या फिर अफगानिस्‍तान के राजदूत की बेटी के अपहरण और उनसे बदसलूकी किए जाने की बात। इस बार भी उसने यही कोशिश एक बार फिर से की है। दरअसल, पाकिस्‍तान के आंतरिक मंत्री शेख राशिद ने कहा है कि अफगान राजदूत की बेटी का कोई अपहरण नहीं हुआ था। उन्‍होंने ये भी कहा है कि भारत इस संबंध में अंतरराष्‍ट्रीय जगत में झूठी खबर फैला रहा है। राशिद यहीं पर नहीं रुके बल्कि उन्‍होंने कहा कि भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिज विंग रॉ इस तरह के काम में लगी है।
 
आपको बता दें कि अफगानिस्‍तान के राजदूत नजीबुल्‍लाह अलीखिल की बेटी सिलसिला का कुछ अज्ञात लोगों ने अपहरण कर लिया था। बाद में उनके साथ बदसलूकी भी की गई थी और उन्‍हें टॉर्चर भी किया गया। अगवा किए जाने के कुछ घंटों के बाद उन्‍हें छोड़ दिया गया था। शेख राशिद ने बताया था कि इस मामले की जांच की जिम्‍मेदारी पीएम इमरान खान ने उनको सौंपी थी। डॉन की खबर के मुताबिक इमरान खान ने 48 घंटों के अंदर अपराधियों को पकड़ने के लिए सभी संसाधनों का इस्‍तेमाल करने की हिदायत भी दी थी। शेख राशिद ने अपने ट्वीट में बताया था कि पीएम ने इस मामले की जांच को सबसे अधिक प्राथमिकता दी है।
 
इस मामले में अफगानिस्‍तान के विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुए कहा था कि अपराधियों को जल्‍द से जल्‍द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जानी चाहिए। एजेंसी ने अखबार की खबर के हवाले से बताया है कि सिलसिला दोपहर को टैक्‍सी से अपने घर पहुंच गई थीं। मंत्री शेख राशिद का ये भी कहना है कि इस संबंध में सभी जांच पूरी कर ली गई हैं। सिलसिला इस दौरान तीन अलग-अलग टैक्सियों में गई थीं। जहां जहां वो गई उस जगह की वीडियो फुटेज की जांच की जानी अभी बाकी है। उनका ये भी कहना है कि सिलसिला ने जांच के लिए जो अपना मोबाइल जांच एजेंसियों को सौंपा है उससे पहले उन्‍होंने उसकी सारी मैमोरी को मिटा दिया था।
 
खेख राशिद ने एक टीवी चैनल पर कहा कि सिलसिला इस दौरान खड्डा मार्किट गईं। फिर दामन ए कोह गईं और फिर राव‍लपिंडी गईं। इस दौरान उन्‍होंने अपना इंटरनेट भी इस्‍तेमाल किया था। लिहाजा उनका कोई अपहरण नहीं हुआ था। ये सब कुछ जानबूझकर फैलाया गया था, जिसमें भारत की खुफिया एजेंसी शामिल थी। आपको बता दें कि इस मामले के सामने आने के बाद से अब तक पाकिस्‍तान में इसके किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। लिहाजा अपनी नाकामी को पाकिस्‍तान ने भारत पर आरोप मढ़कर छिपाने की कोशिश की है। इस बीच समाचार एजेंसी पीटी ने खबर दी है कि अफगानिस्‍तान के राजदूत ने अपने कर्मचारियों को वापस बुलाने का फैसला किया है। हालांकि पाकिस्‍तान ने इस फैसले को अफसोसजनक बताया है।
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