दुशांबे। भारत-चीन सीमा तनाव के बीच ताजिकिस्तान के दुशांबे में आज भारत और चीन के विदेश मंत्री मिल सकते हैं। भारत के विदेशमंत्री डॉ एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच अहम मुलाकात अपेक्षित है। एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने पहुंचे दोनों नेताओं की यह मुलाकात ऐसे समय हो रही है, जब बीते सीमा तनाव को सुलझाने की कूटनीतिक प्रयास जारी है। विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद होनी है। इसके पूर्व दोनों नेता एससीओ बैठक के दौरान साथ होंगे। वहीं एक साथ अफगानिस्तान पर बने एससीओ सम्पर्क समूह की बैठक में भी भाग लेंगे। यह उम्मीद की जा रही है कि दुशांबे में होने वाली भारत-चीन विदेश मंत्रियों की इस बैठक से निकलने वाला सन्देश दोनों मुल्कों के बीच प्रस्तावित 13वें दौर की सैन्य कमांडर स्तर बातचीत की दिशा और नतीजे भी प्रभावित करेगी।
लद्दाख के इलाके में बीते साल मई से जारी सीमा तनाव के बीच यह दूसरा मौका होगा, जब भारत और चीन के विदेश मंत्री आमने-सामने होंगे। इसके पूर्व जयशंकर और वांग यी की मुलाकात मॉस्को में SCO की बैठक में हुई थी। 30 अप्रैल और उसके पहले जयशंकर और वांग यी के बीच हुए टेलीफोन वार्ता में भारत ने स्पष्ट कर दिया था कि दोनों देशों के संबंधों की बेहतरी के लिए जरूरी है कि चीन सीमा पर सैन्य जमावड़ा घटाए और तनाव कम करे। 2021 में सैन्य कमांडर स्तर बातचीत में बनी रजामंदी के बाद चीन ने पेंगोंग झील के उत्तरी व दक्षिणी इलाकों और गलवान घाटी इलाके से तो अपने सैनिकों को पीछे ले लिया. लेकिन पेट्रोलिंग पॉइंट 17A समेत कुछ इलाकों में चीनी सैनिकों की मौजूदगी अब भी बरकरार है। जाहिर है कि चीनी सैनिकों की उपस्थिति के चलते भारतीय सैनिक टुकड़ियां भी तैनात हैं, जबकि तय सीमा सम्बन्धी समझौतों के मुताबिक इन इलाकों में दोनों ही देशों के सैनिकों की स्थाई तैनाती नहीं होनी चाहिए।