बीजिंग। चीनी सेना का दावा है कि उसने सोमवार को पार्सल द्वीप के पास चीनी जल क्षेत्र में आए अमेरिकी युद्धपोत को खदेड़ दिया है। चीन ने यह अनर्गल दावा अंतरराष्ट्रीय अदालत के उस फैसले के एक साल बाद किया है, जिसमें कहा गया था कि दक्षिण चीन सागर पर चीन का कोई हक नहीं है। चीनी सेना पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने अपनी दक्षिणी थिएटर कमांड की स्थिरता को कमतर आंकने को चुनौती देने का दावा करते हुए कहा कि उसने चीन की मंजूरी के बिना उसके जल क्षेत्र में अमेरिकी युद्धपोत यूएसएस बेनफोल्ड को खदेड़ दिया है। उसने बयान जारी कर कहा कि वह अमेरिका से आग्रह करता है कि वह तत्काल ऐसी उकसावे वाली कोशिशें रोक दे।
विगत 12 जुलाई, 2016 को हेग स्थित स्थाई मध्यस्थता न्यायालय ने फैसला दिया था कि चीन का दक्षिण चीन सागर पर कोई अधिकार नहीं है। लेकिन चीन ने इस फैसले को टाल दिया है। इधर, एपी के अनुसार वाशिंगटन में बाइडन प्रशासन ने चीन के समुद्री क्षेत्र को दक्षिणी चीन सागर का हिस्सा मानने को खारिज करते हुए अपने पूर्ववर्ती ट्रंप के शासनकाल के विरोधी रुख का ही समर्थन किया है। बाइडन प्रशासन ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि फिलीपींस पर अगर कोई हमला हुआ तो अमेरिका आपसी रक्षा संधि के तहत अपना जवाब देगा।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का यह कड़ा संदेश इस हफ्ते मनाए गए अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल की पांचवीं वर्षगांठ पर फिलीपींस के पक्ष में दिया गया है। अमेरिका ने खुलकर चीन की वृहद समुद्री सीमा के दावों को खारिज किया है। चीन का दावा है कि स्पार्टली द्वीप और उसके आसपास की मूंगा चट्टानों के द्वीप उसके हैं। उल्लेखनीय है कि इस संधि के चौथे समारोह में भी तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने कहा था कि वह मानते हैं कि चीन दक्षिण चीन सागर के द्वीपों पर अवैध रूप से अपना दावा करता है। जबकि वह क्षेत्र चीन के बाहर है और अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त जल क्षेत्र है।