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पाकिस्तान ने खत्म करा दी चीन की टेंशन, तालिबान ने ड्रैगन को दोस्त बता किया बड़ा वादा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 10 2021 7:31PM | Updated Date: Jul 10 2021 7:31PM
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अफगानिस्तान के आधे से अधिक हिस्से पर कब्जा जमा चुके तालिबान को लेकर चीन टेंशन में था, लेकिन इस बीच पाकिस्तान के दोस्त ने ड्रैगन से भी दोस्ती का ऐलान कर दिया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने कहा है कि वह चीन को अफगानिस्तान का दोस्त मानता है और शिनजियांग प्रांत में उइगर इस्लामिक आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देगा। इसके अलावा चीन के निवेश की सुरक्षा का भी वादा किया है।

यह वादा ऐसे समय पर किया गया है जब अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बीच तालिबान लगातार अफगानिस्तान पर कब्जा करने में जुटा है। चरमपंथी गुट और आतंकी समूहों के दोबारा बर्चस्व में आने से चीन, भारत और रूस जैसे देश चिंतित हैं। चिंता तो पाकिस्तान भी जाहिर करता है, लेकिन तालिबान के साथ उसकी साठगांठ जगजाहिर है। चीन तो इस कदर घबराया हुआ था कि उसने इसी सप्ताह अपने 210 नागरिकों को विशेष विमान के जरिए अफगानिस्तान से बाहर निकाल लिया।

बीजिंग को चिंता है कि तालिबान के शासन में अफगानिस्तान ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ETIM) का केंद्र बन जाएगा। यह अलगाववादी संगठन अल-कायदा से भी संबंध रखता है। चीन का संसाधनों से भरे हुए शिनजियांग प्रांत की 8 किलोमीटर सीमा अफगानिस्तान से जुड़ी हुई है। चीन की चिंता को दूर करते हुए तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि चीन अफगानिस्तान का दोस्त है और बीजिंग से बातचीत की उम्मीद करता है।

सुहैल ने यह भी कहा कि तालिबान चीन के उइगर लड़ाकों को शिनजियांग से अपने देश में नहीं घुसने देगा, जोकि पहले अफगानिस्तान में शरण लेते रहे हैं। तालिबान अलकायदा और दूसरे आतंकी समूहों को भी वहां संचालन से रोकेगा। सुहैल ने हॉन्ग-कॉन्ग के साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से बातचीत में कहा, 'हम कई बाच चीन जा चुके हैं और हमारा रिश्ता उनके साथ अच्छा है। चीन एक दोस्ताना देश है और हम अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण और विकास के लिए इसका स्वागत करते हैं। यदि (चाइनीज) निवेश है तो निश्चत तौर पर हम इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।'

अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया पूरी होने से पहले अमेरिकी सैनिकों की वापसी की आलोचना करते हुए चीन ने इसी सप्ताह पाकिस्तान से कहा था कि सुरक्षा जोखिम करने के लिए वह सहयोग बढ़ाने के लिए काम करे। चीनी विदेश मंत्री ने कहा था कि चीन और पाकिस्तान को क्षेत्रीय शांति की रक्षा करने की जरूरत। अफगानिस्तान में समस्याओं से चुनौती उत्तपन्न होती है जिसका चीन और पाकिस्तान सामना कर रहे हैं, खासकर अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय आतंकवाद के प्रसार से।

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