इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने यरुशलम में निर्माण कार्य आगे न बढ़ाने को लेकर अंतरराष्ट्रीय दबाव को ख़ारिज कर दिया है। ये निर्माण कार्य उसी जगह पर होना है जिस जगह पर यहूदी अपना दावा करते हैं। फ़लस्तीनियों को यहां से निकालने की संभावना को लेकर यहां अशांति बढ़ रही है।
नेतन्याहू ने कहा, "हम येरुशलम में निर्माण कार्य न करने को ले कर बढ़ रहे दबाव को सिरे से खारिज करते हैं। ये दुख की बात है कि हाल के दिनों में इसके लिए दबाव बढ़ा है।"
टेलीविज़न पर प्रसारित एक संदेश में उन्होंने कहा "मैं अपने मित्रों से ये कहना चाहता हूं कि यरुशलम इसराइल का राजधानी है और जिस तरह हर देश अपनी राजधानी में निर्माण कार्य करता है उसी तरह हमें भी अपनी राजधानी में निर्माण कार्य करने और यरुशलम को बनाने का अधिकार है। हम यही कर रहे हैं और आगे भी करेंगे।"
यरुशलम में मौजूद अल-अक्सा मस्जिद और पुराने यरुशलम शहर में बीती दो रातों से हिंसा जारी है। इसराइली पुलिस और लफ़लस्तीनियों के बीच हुई इन झड़पों में अब तक दर्जनों फ़लस्तीनी घायल हुए हैं। यरुशलम में शांति के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांग की जा रही है और कई देशों ने यहां जारी हिंसा को लेकर चिंता जताई है। ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने भी शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि "हिंसा, हिंसा को जन्म देती है।"