ब्रसेल्स। यूरोपीय संघ परिषद ने सोमवार को म्यांमार में सैन्य तख्तापलट की कड़ी निंदा की और कहा कि वह देश की नागरिक सरकार को बाहर करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्रतिबंधों पर विचार कर रहा है। अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान में परिषद ने आपातकाल को उठाने और नव निर्वाचित सरकार को कार्य करने की अनुमति देने का आव्हान किया।
बयान में कहा गया, ‘‘यूरोपीय संघ म्यांमार के लोगों के साथ खड़ा है। परिषद एक फरवरी 2021 को देश में किए गए सैन्य तख्तापलट की सबसे कड़े शब्दों में निंदा करती है। यूरोपीय संघ आपातकाल की स्थिति को तत्काल समाप्त कर मौजूदा संकट को खत्म करने, वैध नागरिक सरकार की बहाली और नव निर्वाचित संसद का उद्घाटन की अपील करता है।’’
यूरोपीय संघ परिषद ने कहा कि यह सैन्य तख्तापलट के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार है, फिर भी ऐसा कुछ भी करने से बचने की कोशिश करें जो म्यांमार के आम नागरिकों के हितों को चोट पहुंचा सकते हैं। परिषद ने कहा, ‘‘सैन्य तख्तापलट की प्रतिक्रिया में, यूरोपीय संघ उन जिम्मेदार लोगों को लक्षित करने वाले प्रतिबंधात्मक उपायों को अपनाने के लिए तैयार है। यूरोपीय संघ और उसके सदस्य देशों के अधिकार क्षेत्र में अन्य सभी उपकरणों की समीक्षा की जाएगी। यूरोपीय संघ उन उपायों से बचने की कोशिश करेगा जो म्यांमार के लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है, विशेष रूप से सबसे कमजोर लोगों पर।’’
गौरतलब है कि म्यांमार की सेना ने एक फरवरी को सत्ता पर कब्जा कर लिया और एक साल के लिए आपातकाल की घोषणा कर दी। साथ ही गत आठ नवंबर के आम चुनाव के दौरान हुए कथित मतदान धोखाधड़ी के खिलाफ कार्रवाई करने की भी चेतावनी जारी की है जिसे सू की की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी ने जीता। सेना ने कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए प्रतिबद्ध है और आपातकाल की स्थिति समाप्त होने के बाद नए और निष्पक्ष चुनाव कराने का संकल्प व्यक्त किया है।