काबुल। अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्ला मोहिब (Hamdullah Mohib) ने दावा किया कि तालिबान (Taliban) का देश की शांति प्रक्रिया (Peace Process) के लिए प्रतिबद्ध होने का कोई इरादा नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि आतंकवादी समूह ने दोहा (Doha) में बातचीत पूरी तरह से छोड़ दी है।
मोहिब के अनुसार, तालिबान का इरादा स्पष्ट है. वे शांति नहीं चाहते हैं। उनके मालिक उन्हें शांति स्थापित करने की अनुमति नहीं देंगे। यह तथ्य है कि वे अफगानिस्तान में स्थायी अस्थिरता चाहते हैं। तालिबान अफगानिस्तान को नष्ट करना चाहता है, ये लोग केवल पूरी शक्ति चाहते हैं और कुछ नहीं। अब हम अपने लोगों का बचाव करना चाहिए।
राष्ट्रपति गनी शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं। लेकिन तालिबान शांति प्रक्रिया के लिए मुख्य बाधा हैं। मोहिब ने कहा कि हम उन्हें सिस्टम को ध्वस्त करने और उनके नापाक मंसूबों को अंजाम देने की अनुमति नहीं देंगे। वे अफगानों को अवैध तरीके से मार रहे हैं। ऐसे में अगर तालिबान युद्ध चाहते हैं तो हम तैयार हैं। अफगान रिपब्लिक और तालिबान के बीच शांति वार्ता पिछले 20 दिनों से रुकी हुई है और देश में हिंसा भी इस दौरान अधिक हुई है।