वाशिंगटन। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन और नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के शपथ ग्रहण से जुड़े ऑनलाइन समारोह की शुरुआत परंपरागत भारतीय रंगोली के साथ होगी. इस विशेष रंगोली को तमिलनाडु में कोलम के नाम से जाना जाता है. घर के द्वार पर इसे बनाना शुभ माना जाता है. हैरिस की मां मूल रूप से तमिलनाडु की रहने वाली थीं.
रंगोली के हजारों डिजाइन बनाने के लिए अमेरिका और भारत के 1,800 से अधिक लोगों ने इस ऑनलाइन पहल में हिस्सा लिया है. इस पहल में भाग लेने वाली मल्टीमीडिया कलाकार शांति चंद्रशेखर ने कहा है कि कई लोगों का मानना है कि कोलम सकारात्मक ऊर्जा और नई शुरुआत का प्रतीक है. हालांकि हैरिस के इस निर्णय का स्वागत किया जा रहा है.
विभिन्न समुदायों के सभी आयुवर्ग के लोगों ने पर्यावरण के अनुकूल सामग्री से बनी रंगोलियां बनाने की इस पहल में अपने-अपने घर से भाग लिया है. स्थानीय स्तर पर शुरू की गई यह पहल हमारी उम्मीदों से अधिक बड़ी बन गई है. शुरुआत में इसे व्हाइट हाउस के बाहर बनाया जाना था. बाद में इसे कैपिटल हिल के बाहर बनाने की अनुमति दे दी गई थी.
मगर वाशिंगटन डीसी में सुरक्षा के अभूतपूर्व प्रबंधों के कारण यह अनुमति रद्द कर दी गई है. इसी कारण बाइडन और हैरिस का स्वागत करने के लिए रंगोली के हजारों डिजाइन को एक वीडियो में सजाया गया है, ताकि अमेरिका की बहु सांस्कृतिक विरासत को दर्शाया जा सके. इनॉगरेशन कोलम 2021 आयोजन दल की सदस्य सौम्या सोमनाथ ने कहा है कि स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों की मंजूरी के बाद इसे प्रदर्शित किए जाने की तारीख तय की जाएगी.