लंदन। कोरोना वायरस महामारी से गंभीर रूप से जूझ रहे ब्रिटेन में इसके संक्रमण से बचाव के लिए दवा निर्माता कंपनी मॉडर्ना की वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गयी है।
ब्रिटेन की औषधि एवं स्वास्थ्य कल्याण उत्पाद नियामक एजेंसी ने शुक्रवार को मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी प्रदान करने की घोषणा की। ब्रिटेन में अब तक कोरोना वायरस की तीन अलग-अलग वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है जिनमें फाइजर/बायोएनटेक और ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन भी शामिल है। एमएचआरए ने कहा कि मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन की खुराक केवल 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को ही दी जायेगी। इसकी दो खुराक दी जायेंगी जिनमें 28 दिनों का अंतराल होगा।
एमएचआरए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ जून रेन ने एक वक्तव्य में कहा कि एमएचआरए के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों की टीम ने मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन के मानव परीक्षण संबंधी डेटा का विस्तार से अध्ययन किया है जिसके बाद ही उसे मंजूरी प्रदान की गयी है। वैक्सीन के सुरक्षा, गुणवत्ता और प्रभाविता संबंधी सभी पहलुओं की समीक्षा की गयी है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने एमएचआरए के इस फैसले को शानदार करार देते हुए कहा कि इससे कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए एक और हथियार उपलब्ध हो गया है।
सूत्रों के मुताबिक ब्रिटेन ने मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन की एक करोड़ खुराक का ऑर्डर दिया है। इसे शून्य से 20 डिग्री कम तापमान में छह महीने तक सुरक्षित रखा जा सकता है। गौरतलब है कि ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में दिसंबर में कोरोना वायरस के नये स्वरूप (स्ट्रेन) का पता चला है जोकि दोनों ही देशों में बहुत ही तेजी से फैल रहा है। वायरस का नया स्ट्रेन कोविड-19 महामारी का कारण बनता है और यह 70 फीसदी अधिक संक्रामक है। ब्रिटेन में कोरोना के टीकाकरण का अभियान भी तेजी से चल रहा है।