मॉस्को। अमेरिका के भावी राष्ट्रपति जो बिडेन ने न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए एक साक्षात्कार में कहा है कि उनके कार्यकाल के दौरान अगर ईरान परमाणु समझौते के साथ कड़ाई से अनुपालन करने के लिए तैयार होता है तो अमेरिका फिर से संयुक्त समग्र कार्रवाई योजना में शामिल हो सकता है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन ने काफी समय पहले खुद को इस समझौते से अलग कर लिया था। राष्ट्रपति चुनावी प्रचार अभियान के दौरान बिडेन ने ईरान के साथ समझौते को फिर से जारी करने की बात कही थी।
बिडेन ने शर्त रखी है कि इसके लिए ईरान को परमाणु साम्रगी भंडारण गतिविधियों को छोड़ कर समझौते का अनुपालन करना होगा। ईरान ने कहा है कि अमेरिका को आगे की बातचीत से पहले अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं पर वापस लौटना चाहिए। बिडेन ने राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने के लिए सकारात्मक रूख दर्शाया है। बिडेन से जब पूछा गया कि क्या वह ईरान परमाणु समझौते पर अपने विचारों पर कायम रहेंगे तो उन्होंने कहा, यह कठिन है लेकिन कोशिश की जाएगी।
बिडेन के मुताबिक यदि ईरान परमाणु बम बना लेता है तो सऊदी अरब, तुर्की, मिस्र और अन्य देशों पर परमाणु हथियार हासिल करने का भारी दबाव हो जाएगा ईरान ने 2015 में अमेरिका, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और ब्रिटेन के साथ जेसीपीओए पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें कहा गया था कि इसके तहत ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को वापस ले लेगा और और प्रतिबंधों पर राहत के बदले में अपने यूरेनियम भंडार में भी काफी कमी करेगा। लेकिन 2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इससे अपने हाथ खींच लिए और उसके बाद से यह समझौता खत्म समझा जा रहा था।