28 Mar 2024, 15:04:32 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » World

नागोर्नो-काराबख क्षेत्र में संयुक्त केन्द्र स्थापित करेंगे रूस और तुर्की

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 12 2020 1:06PM | Updated Date: Nov 12 2020 1:07PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

मास्को। रूस और तुर्की ने नागोर्नो-काराबख क्षेत्र में युद्ध विराम की स्थिति को बनाए रखने के लिए एक संयुक्त केन्द्र स्थापित करने पर सहमति जताई है। रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू और तुर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी अकर ने इस संबंध में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। रूस के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को एक वक्तव्य जारी कर यह जानकारी दी। वक्तव्य के मुताबिक नागोर्नो-काराबख क्षेत्र में सभी प्रकार के संघर्षों को रोकने तथा युद्ध विराम की स्थिति को बनाए रखने के लिए दोनों देशों ने एक संयुक्त केन्द्र स्थापित करने को लेकर एक समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। 

शोइगू ने कहा कि रूस, अर्मेनिया और अजरबैजान के नेताओं के बीच हुई मुलाकात के बाद यह सहमति बनी है। क्षेत्र में खूनी संघर्ष को रोकने तथा स्थायी रूप से शांति बहाल करने के लिए रूसी शांति सैनिकों को तैनात किया जायेगा। यह संयुक्त केन्द्र अजरबैजान की सीमा में होगा। यह केन्द्र युद्ध विराम की स्थिति की लगातार निगरानी करेगा। अर्मेनिया और अजरबैजान की सेना के बीच 27 सितंबर से ही नागोर्नो-काराबख क्षेत्र में एक इलाके पर कब्जे को लेकर हिंसक संघर्ष जारी है। इस संघर्ष में अब तक दोनों ओर से कई लोगों की मौत हो चुकी है। दोनों देशों के बीच कई बार युद्ध विराम लागू करने को लेकर सहमति भी बनी है, लेकिन संघर्ष दोबारा शुरू हो जाता है। 

गौरतलब है कि अर्मेनिया और अजरबैजान दोनों ही देश पूर्व सोवियत संघ का हिस्सा थे। लेकिन सोवियत संघ के टूटने के बाद दोनों देश स्वतंत्र हो गए। अलग होने के बाद दोनों देशों के बीच नागोर्नो-काराबख इलाके को लेकर विवाद हो गया। दोनों देश इस पर अपना अधिकार जताते हैं। अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत इस 4400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को अजरबैजान का घोषित किया जा चुका है, लेकिन यहां आर्मेनियाई मूल के लोगों की जनसंख्या अधिक है। इसके कारण दोनों देशों के बीच 1991 से ही संघर्ष चल रहा है। वर्ष 1994 में रूस की मध्यस्थता से दोनों देशों के बीच संघर्ष-विराम हो चुका था, लेकिन तभी से दोनों देशों के बीच छिटपुट लड़ाई चलती आ रही है। दोनों देशों के बीच तभी से ‘लाइन ऑफ कंटेक्ट’ है। लेकिन इस वर्ष जुलाई के महीने से हालात खराब हो गए हैं। इस इलाके को अर्तसख के नाम से भी जाना जाता है।

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »