नई दिल्ली। रूस की सरकार ने अपनी कोविड-19 वैक्सीन स्पुतनिक फाइव के उत्पादन और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए भारत से सहयोग मांगा है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि कोविड-19 टीके से संबंधित राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह की 22 अगस्त को हुई पिछली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई।
'स्पूतनिक वी' का विकास 'गमालेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडेमोलॉजी एंड माइक्रोबायलॉजी' तथा ‘रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड’ (आरडीआईएफ) ने मिलकर किया है। इस टीके के बारे में सीमित डेटा को लेकर कई तबकों ने संदेह व्यक्त किया है। सरकार के एक सूत्र ने कहा - रूस सरकार ने भारत सरकार से कोविड-19 के टीके ‘स्पूतनिक वी’ के विनिर्माण और यहां इसका तीसरे चरण का परीक्षण करने के लिए सहयोग मांगा है। सूत्र ने कहा - जैव प्रौद्योगिकी विभाग और स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग से मामले को देखने को कहा गया है।
रूस सरकार के अधिकारियों ने ‘स्पूतिनक वी’ के बारे में कुछ सूचना और डेटा साझा किया है, जबकि टीके के प्रभाव तथा सुरक्षा से संबंधित अन्य डेटा की प्रतीक्षा की जा रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या रूस सरकार ने भारत में ‘स्पूतनिक वी’ के विनिर्माण के लिए कोई औपचारिक आग्रह किया है, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा - जहां तक ‘स्पूतनिक वी’ टीके का सवाल है तो भारत और रूस दोनों संपर्क में हैं। कुछ शुरुआती सूचना साझा की गई है, जबकि कुछ ब्योरे की प्रतीक्षा है। सूत्रों के अनुसार, भारत में रूस के राजदूत निकोलय कुदाशेव ने प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन और साथ में जैव प्रौद्योगिकी तथा स्वास्थ्य अनुसंधान विभागों के सचिवों से इस संबंध में संपर्क किया है।