काबुल। अफगानिस्तान में समुदाय प्रमुखों, जनजातीय नेताओं तथा राजनेताओं की महासभा लोया जिरगा ने तालिबान के करीब 400 शीर्ष आतंकवादियों को जेल से रिहा किए जाने को रविवार को मंजूरी प्रदान कर दी। तालिबान ने युद्धग्रस्त देश में सरकार से शांति वार्ता शुरू करने के लिए यह विवादास्पद मांग की थी। तालिबान की मांग के अनुरूप सरकार ने देश के विभिन्न जेलों से अब तक 4,600 तालिबानी कैदियों को रिहा किया है।
अमेरिका और तालिबान समूह के बीच कतर की राजधानी दोहा में फरवरी में हुए शांति समझौते में कैदियों को रिहा करने की शर्त भी शामिल थी। कैदियों की रिहाई और देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद ही तालिबान की ओर से अफगान सरकार के साथ बातचीत शुरू किये जाने की संभावना है।
इसके बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि वह बाकी बचे 400 कैदियों की रिहाई के संबंध में लोया जिरगा से संपर्क करेंगे क्योंकि इन आतंकवादियों के खिलाफ जघन्य आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके बाद गनी ने राजधानी काबुल में रविवार को लोया जिरगा की महासभा बुलाई जहां करीब 3,000 से अधिक अफगान समुदाय के नेताओं और राजनेताओं ने कोरोना वायरस महामारी के बारे में चिंताओं के बीच सरकार को सलाह दी कि सभी 400 कैदियों को मुक्त किया जाए।