देश-दुनिया को बुरी तरह प्रभावित करने वाला कोरोना वायरस का पहला मामला चीन में दिसंबर में आया था। इस वायरस की उत्पत्ति को लेकर वैज्ञानिक और शोधकर्ता कई तरह के दावे कर चुके हैं। पूरी दुनिया इस बात को लेकर सहमत है कि इस वायरस की उत्पत्ति चीन में हुई है।
वैज्ञानिक ये भी मानते आ रहे हैं कि यह बिल्कुल नए तरह का वायरस है, इसलिए इसका इलाज ढूंढने में देर हुई। लेकिन हाल ही में आए एक नए शोध अध्ययन में शोधकर्ता यह दावा कर रहे हैं कि कोरोना वायरस 72 साल पहले ही चमगादड़ों में पनपा था। सालों बाद भी इसके नए रूप सामने आते रहे हैं।
पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपने हालिया शोध अध्ययन के आधार पर दावा किया है कि कोरोना वायरस पहली बार साल 1948 में चमगादड़ों में पनपा था। शोधकर्ताओं का कहना है कि साल 1969 और साल 1982 में भी इसका बदला हुआ रूप सामने आया था। रिसर्च जर्नल ‘नेचर बायोलॉजी’ के हालिया अंक में इस अध्ययन के नतीजे प्रकाशित किए गए हैं।
शोधकर्ता कोरोना वायरस की उत्पत्ति का रहस्य खंगालने की कोशिशों में जुटे हैं, ताकि वायरस की जेनेटिक संरचना का पता लगाया जा सके। इसके अलावा समय के साथ वायरस में आने वाले बदलावों का अंदाजा लगाया जा सके। मालूम हो कि इससे पूर्व हुए शोध में ऐसा माना गया है कि यह वायरस चमगादड़ों के किसी जानवर में और फिर उस जानवर से इंसानों में आया है।