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भारतीय सेना ने एलएसी पार करके चीनी सेना पर हमला किया : चीन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 21 2020 12:45AM | Updated Date: Jun 21 2020 1:05AM
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नई दिल्ली। चीन ने आज फिर दावा किया कि गलवां घाटी कई वर्षों से उसके अधीन है तथा आरोप लगाया कि 15 जून को भारत के अग्रिम सैन्य बलों ने जानबूझ कर वास्तविक नियंत्रण रेखा पार करके चीनी सैनिकों पर हमला किया था जिसके बाद हुए घमासान संघर्ष में अनेक हताहत हुए। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिजियान झाओ ने ट्विटर पर गलवां घाटी की घटना को लेकर आठ बिन्दुओं में चीनी दृष्टिकोण को रखा है। इसके माध्यम से चीन ने यह संकेत दिया है कि वह गलवां घाटी में पीछे नहीं हटेगा और आगे भी सैन्य संघर्ष के लिए तैयार है। 

प्रवक्ता ने कहा कि गलवां घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीन के अधिकार वाले क्षेत्र में स्थित है। कई वर्षों से चीनी सैनिक इस क्षेत्र में ड्यूटी पर तैनात हैं और गश्त लगाते रहे हैं। अप्रैल से भारतीय सैनिक गलवां घाटी में इकतरफÞा और लगातार सड़क, पुल और अन्य ढांचे बना रहा है। चीन ने कई बार भारत के समक्ष विरोध व्यक्त किया लेकिन भारत ने उसे रोकने की बजाय वास्तविक नियंत्रण रेखा पार करके उकसाने वाले कदम उठाये। उन्होंने कहा कि छह मई को भारतीय सैनिकों ने एलएसी पार करके बैरिकेडिंग कर दी जिससे चीन के सैनिकों की गश्त बाधित हो गई। भारतीय सैनिकों ने जानबूझ कर एलएसी के नियंत्रण एवं प्रबंधन को इकतरफा बदलते हुए चीनी सैनिकों को उकसाया। इससे बाध्य हो कर चीनी सैनिकों ने आवश्यक कार्रवाई की ताकि एलएसी पर जमीनी नियंत्रण एवं प्रबंधन मजबूत हो सके। 

उन्होंने कहा कि स्थिति को सुधारने के लिए भारत और चीन सैन्य एवं कूटनीतिक चैनलों से एक दूसरे के संपर्क में आ गये। चीन की मांग पर भारत ने एलएसी के पार से सैनिकों को हटा लिया और ढांचों को नष्ट कर दिया। छह जून को कमांडर स्तर की बैठक में भारत ने वादा किया था कि वह गलवां नदी के मुहाने के पार गश्त नहीं करेगा और न ही कोई ढांचा बनाएगा। बैठक में सहमति जताई गई थी कि दोनों पक्ष बातचीत करके क्षेत्र से सैनिकों को वापस बुलाएंगे। प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने 15 जून की शाम को हतप्रभ कर दिया और कमांडरों की बैठक में बनी सहमति का उल्लंघन करते हुए जानबूझकर उकसावे की कार्रवाई की जबकि गलवां घाटी में स्थिति शांत हो रही थी। उन्होंने कहा कि भारत के अग्रिम सैनिकों ने बातचीत करने गये चीनी अधिकारियों एवं सैनिकों पर हिंसक हमला कर दिया जिससे भीषण संघर्ष छिड़ गया और बहुत से लोग हताहत हुए। 

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