एम्स्टर्डम। विश्व भर में कोरोना वायरस (कोविड 19) महामारी से संक्रमितों की संख्या 57 लाख के करीब पहुंच गयी है जबकि इस बीमारी से अब तक 3.55 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वही कोरोना वायरस संकट के बीच नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रुटे ने दुनिया के सामने मिसाल पेश की है। देश में कोरोना संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए मार्क अंतिम समय में भी मां से मिलने नहीं गए। उनकी मां काफी दिनों से बीमार थी और डॉक्टर ने बताया था कि उनका बचना संभव नहीं है। लॉकडाउन में ढील मिलने के बाद ही मार्क मां से मिलने पहुंचे, लेकिन उसी रात उनकी मां की मौत हो गई।
पीएम मार्क का यह कदम उन लोगों के लिए एक उदाहरण है जो भारत समेत कई देशों में लॉकडाउन नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। पीएम मार्क रुटे की 96 वर्षीय मां एक केयर होम में रहती थी और अंतिम सांसें गिन रही थीं। प्रधानमंत्री को इस बात की पूरी जानकारी थी। लेकिन खुद मार्क ने ही कोरोना संकट को देखते हुए दो महीने पहले किसी को भी ऐसी जगह पर जाने पर पाबंदी लगाई थी। उन्होंने प्रधानमंत्री होते हुए अपनी सरकार के आदेशों का पालन किया भले ही इसका निजी तौर पर उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ा।
नीदरलैंड प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि मार्क जिस रात बीमार मां से मिलने पहुंचे थे उसी रात उनकी मृत्यु हो गई। प्रवक्ता ने बताया कि वह काफी दिनों से बीमार थीं। लेकिन पीएम लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए उनसे मिलने नहीं गए। उनकी मां का निधन कोरोना संक्रमण नहीं बल्कि लंबी बीमारी के बाद हुआ है।