वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने सोमवार को जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों तथा केन्द्रीय बैंकों के प्रमुखों के साथ कोरोना वायरस (कोविड-19) की स्थिति तथा इसके आर्थिक प्रभावों पर चर्चा की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा की गयी बैठक के बाद जारी बयान में श्रीमती जॉर्जीवा ने बताया कि इस वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी रहेगी। यह मंदी वर्ष 2008 के आर्थिक संकट जैसी या उससे भी बड़ी हो सकती है।
हालांकि अगले वर्ष दोबारा वैश्विक विकास दर धनात्मक रहने की उम्मीद है। सब कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि हम कितनी जल्दी कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित कर लेते हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू होने से अब तक उभरती हुई अर्थव्यवस्था वाले देशों से निवेशक 83 अरब डॉलर निकाल चुके हैं। यह अब तक किसी भी अवधि में सबसे बड़ी पूंजी निकासी है। आईएमएफ प्रमुख के अनुसार करीब 80 देश संगठन से मदद की गुहार लगा चुके हैं। आईएमएफ के पास इस समय एक लाख करोड़ डॉलर ऋण देने के लिए उपलब्ध है। साथ ही अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है।