ईरान के धार्मिक नेता अयातुल्ला ख़ामेनेई ने ट्वीट कर कहा कि भारत में मुस्लिम भाइयों पर ज़ुल्म हो रहा है और केंद्र सरकार को कट्टरवादी ताक़तों को रोकना चाहिए ईरान चौथा इस्लामिक देश है। जिसने दिल्ली दंगे को लेकर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। भारत-ईरान के बीच दोस्ताना रिश्ते बेहद पुराने हैं लेकिन अब इसमें दरार पड़ती दिख रही है। ईरान के विदेश मंत्री जावेद ज़रीफ़ के बाद अब उसके सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्लाह ख़ामेनेई ने भी दिल्ली दंगे को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला किया है। ख़ामेनेई ने ट्वीट किया, ‘भारत में मुसलमानों के क़त्लेआम से दुनियाभर के मुसलमान ग़मज़दा हैं। भारत सरकार को कट्टर हिंदुओं और उनके दलों को रोकना चाहिए और भारत को इस्लामी दुनिया की ओर से अलग-थलग किए जाने से बचने के लिए मुसलमानों का क़त्लेआम रोकना चाहिए।’ ख़ामेनेई ने इस ट्वीट के साथ हैशटैग #IndianMuslimslnDanger इस्तेमाल किया है। यानी भारत के मुसलमान ख़तरे में हैं।
ख़ामेनेई का यह ट्वीट इस मायने में अहम है कि भारत सरकार की आपत्ति के बावजूद उसके सर्वोच्च नेता ने यह बयान जारी किया है। इससे पहले 2 मार्च को ईरान के विदेश मंत्री जावेद ज़रीफ़ ने दिल्ली दंगे को लेकर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया था। उन्होंने लिखा था, ‘भारतीय मुसलमानों के ख़िलाफ़ प्रायोजित हिंसा की ईरान निंदा करता है। सदियों से ईरान भारत का दोस्त रहा है. हमारी गुज़ारिश है कि भारत सरकार सभी भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और इस पागलपन को बढ़ने से रोके. आगे बढ़ने का सही रास्ता शांतिपूर्ण बातचीत और क़ानून का शासन ही है।’ इस बयान पर केंद्र सरकार ने दिल्ली में ईरानी राजदूत अली चेगेनी को तलब किया था। तब ईरानी विदेश मंत्री जावेद ज़रीफ़ के बयान पर ऐतराज़ जताते हुए अली चेगेनी से कहा गया था कि दिल्ली में जो हुआ, वह भारत का आंतरिक मामला है। हालांकि इसकी आपत्ति की परवाह न करते हुए ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह ख़ामेनेई ने दिल्ली दंगे पर अपना विरोध जताया है।
ईरान चौथा इस्लामिक देश है जिसने नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ जारी विरोध प्रदर्शन और दिल्ली में हुए दंगे को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया है। इससे पहले तुर्की, इंडोनेशिया और पाकिस्तान भी इसकी निंदा कर चुके हैं। ईरान की तरह इंडोनेशिया-भारत के रिश्ते भी हमेशा से अच्छे रहे हैं लेकिन अब इसमें कड़वाहट आ चुकी है।‘भारत में मुसलमानों के क़त्लेआम से दुनियाभर के मुसलमान ग़मज़दा हैं। भारत सरकार को कट्टर हिंदुओं और उनके दलों को रोकना चाहिए और भारत को इस्लामी दुनिया की ओर से अलग-थलग किए जाने से बचने के लिए मुसलमानों का क़त्लेआम रोकना चाहिए।’