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एनसीपी व मौसमी फ्लू के बीच चार तरह के अंतर : डब्ल्यूएचओ

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 5 2020 2:08PM | Updated Date: Mar 5 2020 2:09PM
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बीजिंग। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नोवेल कोरोना वायरस निमोनिया के प्रति विश्व स्वास्थ्य संगठन की समझ गहन हो रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस व मौसमी फ्लू के बीच चार फर्क होते हैं। उन्होंने बताया कि मौजूदा आंकड़ों से यह जाहिर हुआ है कि कोरोना वायरस फैलने की क्षमता मौसमी फ्लू से कम है। ट्रेडोस ने कहा कि स्पशरेन्मुख संक्रमित व्यक्ति फ्लू वायरस का मुख्य संचारक है पर कोरोना वायरस की स्थिति ऐसी नहीं है।
 
चीन से मिले सबूतों के अनुसार केवल एक प्रतिशत पुष्ट मामले स्पशरेन्मुख हैं और उन मामलों में अधिकतर लोग दो दिनों के अंतर रोगसूचक होंगे। दूसरे, मौसमी फ्लू की अपेक्षा कोरोना वायरस के लक्षण और गंभीर हैं। ट्रेडोस ने कहा कि वर्तमान में विश्व में कोरोना वायरस से ग्रस्त रोगियों की मृत्यु दर लगभग 3.4 प्रतिशत है, पर मौसमी फ्लू से पैदा मृत्यु दर एक प्रतिशत से कम है।तीसरे, अभी तक कोरोना वायरस के प्रति कोई टीका या विशेष चिकित्सा तरीका प्राप्त नहीं है।
 
ट्रेडोस ने कहा कि हाल ही में कोरोना वायरस के 20 से अधिक टीकों का अध्ययन किया जा रहा है और कुछ चिकित्सा तरीके भी नैदानिक परीक्षण में हैं। चौथे, मौसमी फ्लू को नियंत्रित नहीं किया जा सकता। लेकिन कोरोना वायरस महामारी का नियंत्रण किया जा सकता है। ट्रेडोस ने कहा कि मौसमी फ्लू के प्रति घनिष्ठ संपर्क रखने वालों की निगरानी की आवश्यकता नहीं है।
 
लेकिन, कोरोना वायरस के घनिष्ठ संपर्क रखने वालों की निगरानी से हम महामारी की रोकथाम कर सकते हैं और लोगों की जान बचा सकते हैं। ट्रेडोस ने बल देकर कहा कि क्योंकि कोरोना वायरस महामारी को नियंत्रित किया जा सकता है, इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विभन्न देशों से व्यापक रूप से कदम उठाने की अपील की।
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