जकार्ता। ज्वालामुखी में विस्फोट होने के कारण राख का गुबार छह किलोमीटर की ऊंचाई तक उठा यह घटना इंडोनेशिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी में से एक माउंट मेरापी की है। इस घटना से विमान सेवाओं के बाधित होने की आशंका है। इंडोनेशिया रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फॉर जियोलॉजिकल डिजास्टर एजेंसी के प्रमुख हनीक हुमैदा ने बताया कि माउंट मेरापी का विस्फोट क्रेटर से दो किलोमीटर दूर हुआ है।
यह ज्वालामुखी सबसे ज्यादा सक्रिय था। अधिकारियों ने ज्वालामुखी पर चेतावनी के स्तर में कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन उन्होंने कुछ समय के लिए ज्वालामुखी केंद्र से 40 किलोमीटर दूर स्थित सोलो शहर का हवाई अड्डा बंद कर दिया। इंडोनेशियाई एजेंसी ने लोगों से माउंट मेरापी के तीन किलोमीटर के दायरे से बाहर रहने को कहा है।
बोयोलाली रिजेंसी के एक निवासी जरमाजी ने बताया कि ज्वालामुखी फटते वक्त कम से कम पांच मिनट तक कड़ाके का शोर होता रहा। राख उत्तरी इलाकों में क्रेटर से 10 किलोमीटर दूर तक गिरती रही। गौरतलब है कि इंडोनेशिया के 129 सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक 2.930 ऊंचे माउंट मेरापी में समय-समय पर विस्फोट होता रहता है। इंडोनेशिया 17,000 द्वीपों का देश है और वहां करीब 130 सक्रिय ज्वालामुखी हैं। आधिकारी के मुताबिक ज्वालामुखी के आसपास विमानों को उड़ान भरने से प्रतिबंधित करने की योजना बनायी जा रही है।