बीजिंग। चीनी वैज्ञानिकों ने घातक विषाणु कोविड -19 की चपेट में आए लेकिन बाद में ठीक हो गए मरीजों से प्रोटो प्लाजा जैविक तत्व विकसित किया है और इसका इस्तेमाल कोरोनावायरस के मरीजों के उपचार में व्यापक तौर पर किया जाएगा। चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप नामक कंपनी के वैज्ञानिकों ने इसे विकसित किया है और जो मरीज इस विषाणु से संक्रमित हुए थे उनके शरीर से इसे निकाला गया है। इसका इस्तेमाल कन्वलसेंट प्लाज्मा और इम्युनोग्लोबिन को बनाने में किया जाएगा।
कंपनी ने बताया कि कड़े रक्त जैव सुरक्षात्मक परीक्षणों, विषाणु निष्क्रियता और विषाणु निरोधक परीक्षणों के बाद इस प्लाज्मा को विकसित किया गया है और इसका इस्तेमाल गंभीर मरीजों पर किया जा चुका है। कंपनी ने वुहान में इस वायरस से पीड़ति लेकिन ठीक हो चुके मरीजों से प्लाज्मा एकत्र करने के लिए एक विशेष उपकरण और टीम को तैनात किया गया है।
वैज्ञानिकों के अनुसार वुहान के जियांगजिया जिले में आठ फरवरी को गंभीर रूप से बीमार तीन मरीजों को प्लाज्मा उपचार दिया गया था और इस समय दस से अधिक गंभीर मरीजों को प्लाज्मा उपचार दिया गया है। परीक्षणों मे पता चला है कि इसे लेने के 12 से 24 घंटों के बाद मरीजों में काफी सुधारात्मक लक्षण दिखे हैं और उनमें संक्रमण के कारकों में कमी तथा रक्त में घुलनशील ऑक्सीजन के स्तर में भी काफी सुधार देखने को मिला है।