वियना। ईरान परमाणु समझौते को लेकर बनी तनावपूर्ण स्थिति के बीच सोमवार को यहां अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के 63वें वार्षिक सम्मेलन की शुरुआत हुई। आईएईए के 171 सदस्य देशों के प्रतिनिधि सोमवार से शुक्रवार तक चलने वाले इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन में पश्चिम एशिया में आईएईए के सुरक्षा मानकों, उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम के अलावा एजेंसी की तकनीकी सहयोग की गतिविधियों को मजबूती प्रदान करने पर चर्चा की जाएगी। आईएईए के कार्यकारी महानिदेशक कॉर्नेल फरूटा ने ईरान परमाणु समझौते विवाद पर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘करीब एक सप्ताह पहले मैंने तेहरान जाकर ईरान के वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की थी। मैं पूरी प्रयास करूंगा कि ईरान परमाणु समझौते के तहत किए गए अपने वादों को पूरा करे।’’
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने सऊदी अरब की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी अरामको पर ड्रोन हमलों के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है। सऊदी अरब की सबसे बड़ी तेल उत्पादन कंपनी पर शनिवार को हुए ड्रोन हमले के बाद उसका उत्पादन घटकर आधा गया था। ईरान के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी कर अमेरिका के इन दावों को खारिज किया है। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने गत वर्ष मई में ईरान परमाणु समझौते से अपने देश के अलग होने की घोषणा की थी।
इसके बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते बहुत ही तल्ख हो गये हैं। इस परमाणु समझौते के प्रावधानों को लागू करने को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में ईरान ने अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते के तहत ईरान ने उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जतायी थी।