सावन महीने में निकल रही कांवड़ यात्रा की सुरक्षा को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सकुशल कांवड़ यात्रा संपन्न कराने के लिए हर गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसी के चलते पहली बार मुजफ्फरनगर में एटीएस कमांडो को तैनात किया गया है। जिले से निकलने वाले सभी कांवड़ मार्गों पर एटीएस के कमांडो तैनात किए गए हैं। यह लगातार रूट पर मार्च भी कर रहे हैं।
मुजफ्फरनगर जिले से हर वर्ष लाखों कावड़ यात्री होकर गुजरते हैं। बड़ी संख्या में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के शिवभक्त कावड़ लेकर शहर और हाईवे से होकर हरिद्वार से गंगाजल लेकर जाते हैं। कावड़ यात्रा को सकुशल संपन्न करने के लिए इस बार जिले की पुलिस ने एटीएस कमांडो की तैनाती के लिए शासन को पत्र लिखा था। मुजफ्फरनगर पुलिस के अनुरोध के बाद जिले में ATS के कमांडो की एक बड़ी टीम जगह-जगह तैनात की गई है।
शहर से लेकर हाईवे तक जितने भी मार्ग हैं, सभी पर एटीएस के कमांडो बारीकी से निगाह रखे हुए हैं। मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह का कहना है कि कांवड़ यात्रा पर कोई अप्रिय घटना ना हो इसको ध्यान में रखते हुए एटीएस हेडक्वार्टर से ATS कमांडो की तैनाती के लिए अनुरोध किया गया था, जिसके बाद मुजफ्फरनगर में एटीएस के कमांडो पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि शहर के शिव चौक से रोजाना हजारों कांवड़िए हरिद्वार के लिए आ और जा रहे हैं। यहां पर इनको तैनात किया गया है।
इसके अलावा हाईवे और कई अन्य सड़कों पर भी इन कमांडो की तैनाती की गई है।मुजफ्फरनगर से लाखों कांवड़ियों का जत्था होकर गुजरता है। पिछले दिनों जिला पुलिस प्रशासन ने जिले में कांवड़ यात्रा मार्गों पर लगने वाले हॉटल, ढाबों, दुकानों और ठेलों पर मालिक व संचालकों के नाम लिखने का फरमान जारी किया था। जिसके बाद UP सरकार ने इसको पूरे प्रदेश में लागू कर दिया था। इस फरमान के खिलाफ खूब सियासत हुई। बाद में सुप्रीम सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी।