नई दिल्ली। PM मोदी द्वारा तीनों कृषि सुधार कानूनों को निरस्त करने का ऐलान किए जाने बावजूद संयुक्त किसान मोर्चा का दिल्ली के बार्डर पर धरना-प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारी अब 29 नवंबर को दिल्ली में प्रवेश करने की जिद पर अड़े हैं। तीनों केंद्रीय कृषि सुधार कानून के विरोध में प्रदर्शन का एक साल पूरा होने पर शुक्रवार को सिंघु, टीकरी और यूपी बार्डर पर प्रदर्शनकारियों की संख्या में बढ़ोतरी भी देखने को मिली। उप्र बार्डर पर पंचायत भी हुई, जिसमें आगामी रणनीति पर चर्चा की गई। इसे देखते हुए दिल्ली के सभी बार्डर पर बैरिकेडिंग करते हुए भारी संख्या में जवानों को तैनात कर दिया गया है। वहीं, यातायात पुलिस ट्विटर पर लोगों को बार्डर पर जाम से बचने व वैकल्पिक मार्ग चुनने को जागरूक करती रही।
किसी संभावित बवाल के मद्देनजर दिल्ली पुलिस भी पुरी तरह से तैयारी है। ऐसे में पूर्वी दिल्ली में गाजीपुर बार्डर, अप्सरा बार्डर और चिल्ला बार्डर को सील कर दिया गया है। शुक्रवार सुबह ही पूरी दिल्ली पुलिस सड़कों पर उतर आई। सभी थाने खाली नजर आए। पुलिस मुख्यालय में भी केवल पुलिस आयुक्त ही बैठे रहे। बाकी सभी आला अधिकारी और थानों के एसएचओ दल-बल के साथ क्षेत्र में गश्त करते रहे। पिकेट लगाकर सुबह आठ से शाम छह बजे तक पुलिसकर्मी सतर्क रहे। दिल्ली पुलिस के अलावा विजय चौक पर एक कंपनी और जिले में चार कंपनी अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। वहीं, गाजीपुर, अप्सरा व चिल्ला बार्डर को सील कर दिया गया।
किसान आंदोलन को लेकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि एमएसपी पर कानून बनने और अन्य मांगें पूरी होने पर के बाद ही आंदोलन खत्म किया जाएगा। शनिवार को सिंघु बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक होगी। उसमें लिए गए निर्णय के अनुसार अगला कदम उठाया जाएगा। फिलहाल 29 नवंबर को यहां से 30 ट्रैक्टरों से 500 किसान संसद भवन जाने के लिए तैयार हैं। 26 नवंबर, 2020 से दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर (सिंघु, शाजहांपुर, टीकरी और गाजीपुर) पर कई राज्यों के किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, इसके चलते रोजाना लाखों लोगों को आवागमन बाधित हो रहा है।