वाराणसी। उत्तर प्रदेश में वाराणसी के आयुक्त दीपक अग्रवाल ने गुरुवार को कहा कि विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित प्रो-पूअर योजना के तहत 100 करोड़ से भी अधिक धनराशि व्यय कर पर्यटन क्षेत्र सारनाथ का अंतरराष्ट्रीय स्तर का विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सारनाथ के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले के साथ-साथ अन्य लोगों को भी पर्यटन के माध्यम से रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके अलावा सारनाथ में आने वाले पर्यटकों को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं प्राप्त होंगी।
अग्रवाल ने विकास कार्यों के मद्देनजÞर नगर निगम, जल निगम, जलकल, विद्युत, लोक निर्माण विभाग, वन विभाग सहित अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ समन्वय बैठक की। इस दौरान उन्होंने संबंधित विभोगों के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि यदि उनके विभागीय योजना से संबंधित सारनाथ में कोई परियोजना लंबित एवं संभावित है तो स्थलीय निरीक्षण कर वह यह सुनिश्चित करने की इस परियोजना के साथ-साथ ही संबंधित कार्य पूरा किया जाये।
उन्होंने कहा कि सारनाथ में भारी भरकम धनराशि व्यय कर वहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का विकास सुनिश्चित कराएं जाने के बाद फिर अन्य किसी कार्य की अनुमति नहीं की जाएगी। छोटे-छोटे कलस्टर चिन्हित कर अलग-अलग केंद्र भी बनाए जाएंगे। अग्रवाल ने कहा सारनाथ क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर के आधुनिक विकास यथा-सड़क, पाथवे, वेंडिंग जोन, स्ट्रीट लाइट आदि की साथ-साथ सारनाथ क्षेत्र में पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित कराए जाने हेतु व्यापक पैमाने पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
पर्यटन के विकास एवं बढ़ावा देने के उद्देश्य से सारनाथ के डियर पार्क को मृगगाह के रूप विकसित किया जाएगा। इसके लिए लगभग चार करोड़ की धनराशि व्यय कर किया जाएगा। उन्होंने वनाधिकारी को प्रोजेक्ट बनाए जाने के लिए निर्देशित किया। डीयर पार्क को आकर्षक बनाए जाने के लिए इसमें कुछ नए जानवर लाये जाएंगे। हस्तशिल्प उद्योग से जुड़े सारनाथ के आसपास के ग्राम सभाओं को चिन्हित कर वहां पर स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाए जाएंगे।
मंडलायुक्त ने कहा कि सारनाथ आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए इसकी कनेक्टिविटी ंिरग रोड से जोड़ा जाएगा। जिससे लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (बाबतपुर) से पर्यटकों को सारनाथ पहुंचने में मात्र 15 से 20 मिनट का समय लगेगा। बुद्धा थीम पार्क के पास वाहन पार्किंग के साथ के पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों से रामनगर, काशीपुर, चुरामनपुर एवं फुलवरिया में बनने वाले हस्तशिल्प प्रोडक्ट के स्किल डेवलपमेंट के लिए स्किल सेंटर बनाने के लिए विश्व बैंक के मानक के अनुसार प्रोजेक्ट बना कर भेजे जाने का निर्देश दिया।