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कोविड-19 की चुनौतियों के साथ सतर्कता एवं स्वच्छता पर दिया जाय विशेष ध्यान: योगी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 11 2020 6:31PM | Updated Date: Jul 11 2020 6:33PM
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने  कोविड-19 की चुनौतियों के साथ-साथ वेक्टर जनित बीमारियों के लिए भी बारिश के मौसम को अत्यन्त संवेदनशील बताते हुए कहा कि इसके लिए आवश्यक है कि सतर्कता व स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए। योगी ने शनिवार को यहां अपने आवास पर कोविड-19 की जांच के लिये नवसृजित मण्डलीय बीएसएल-2 प्रयोगशालाओं के लोकार्पण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 की चुनौतियों के साथ-साथ वेक्टर जनित बीमारियों के लिए भी यह समय अत्यन्त संवेदनशील है।
 
इसके लिए आवश्यक है कि सतर्कता व स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रदेश के सभी जिलों में तीन दिनों का स्वच्छता का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीएसएल-2 की सात लैब का आज लोकार्पण किया जा रहा है। इस प्रकार प्रदेश के सभी मण्डलों में कोविड-19 की जांच के लिए टेस्टिंग लैब उपलब्ध हो गयी हैं। प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में बी0एस0एल0-02 व 03 लेवल की लैब्स बनाने की कार्रवाई युद्धस्तर पर हुई है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। ‘102’ एम्बुलेन्स की 2270 यूनिट प्रदेश में क्रियाशील हैं। उन्होंने कहा कि गत मई तक तीन करोड़ 85 लाख लोग इस सेवा से लाभान्वित हुए। ‘108’ स्वास्थ्य एम्बुलेन्स सेवा की 2,200 यूनिट के माध्यम से एक करोड़ 45 लाख लोगों को लाभ मिला है। प्रदेश में 242 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर टेलीमेडिसिन व 321 सामुदायिक केन्द्रों टेलीरेडियोलॉजी स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध करायी गयी हैं।
 
53 जिलों में 170 मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित हैं, जिसके माध्यम से गत फरवरी तक 20 लाख 58 हजार से अधिक लोगों ने ओ0पी0डी0 सेवाओं का लाभ उठाया। उन्होंने कहा कि नीति आयोग द्वारा प्रदेश के आठ जिलों को आकांक्षात्मक जिला में रखा गया है। इन जिलों में अन्य बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ मातृ एवं शिशु मृत्युदर के सम्बन्ध में मासिक समीक्षा की जाती है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के 38 जनपद वेक्टर जनित रोगों से प्रभावित रहते थे। इंसेफेलाइटिस समेत कई ऐसी बीमारियां थी, जिनकी चपेट में आकर नवजात शिशु असमय काल-कवलित हो जाते थे।
 
सरकार के सकारात्मक प्रयासों से इस पर प्रभावित नियंत्रण स्थापित किया गया, जिससे मृत्युदर में 90 प्रतिशत की कमी आयी। योगी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए पिछले चार माह में अनेक कार्यक्रम संचालित किये। जब पहला केस आया था, तब प्रदेश में कोविड टेस्ट के लिए एक भी प्रयोगशाला नहीं थी, लेकिन आज प्रदेश सरकार ने 38 हजार टेस्ट प्रतिदिन की क्षमता प्राप्त कर ली है। प्रदेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में यह क्षमता विकसित की है।
 
कोविड-19 के संक्रमण के दौरान प्रदेश सरकार ने 24 करोड़ जनता को सुरक्षित माहौल देने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर प्रधानमंत्री द्वारा सही समय पर सही फैसले लिए, जिसका परिणाम है कि भारत एक बेहतर स्थिति में है। स्वस्थ समाज की स्थापना के लिए हमें नये स्तर से प्रयास करने की जरूरत है। प्रदेश के सभी 18 मंडलों में कोविड-19 की जांच की सुविधा प्रदान की जा रही है। भविष्य में प्रत्येक जिले में ट्रूनेट मशीन लगाकर कोविड का परीक्षण किया जाएगा।  
 
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