लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आपदा की स्थिति में कन्ट्रोल रूम राहत कार्यों की बैकबोन है और ऐसे में आवश्यक सुविधाएं व शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने में इनकी बड़ी भूमिका है। योगी ने आज यहां लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी) में राहत आयुक्त कार्यालय में स्थापित एकीकृत आपदा नियन्त्रण केन्द्र का लोकार्पण करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आपदा की स्थिति में कन्ट्रोल रूम राहत कार्यों की बैकबोन होता है। उन्होंने कहा कि लॉकडान के मद्देनजर सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों के कन्ट्रोल रूम में एक जिम्मेदार नोडल अधिकारी की नियुक्ति कर 24 घंटे इसका संचालन सुनिश्चित कराएं।
कन्ट्रोल रूम के माध्यम से त्वरित गति से राहत कार्यक्रम संचालित कराया जाए। आमजन तक क्वारन्टीन वॉर्ड, इन्स्टीट्यूशनल क्वारन्टीन, आइसोलेशन वॉर्ड, लेवल-1, लेवल-2,लेवल-3 के कोविड अस्पतालों की जानकारी तथा जरूरतमंदों तक फूड पैकेट आदि पहुंचाने में कन्ट्रोल रूम का बेहतर ढंग से उपयोग किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के विरुद्ध संचालित अभियान में बिना किसी भेदभाव के हर जरूरतमंद तक आवश्यक सुविधाएं व शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने में कन्ट्रोल रूम की बड़ी भूमिका है।
बहुत कम समय में एकीकृत कन्ट्रोल रूम के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों को जोड़ने के लिए उन्होंने राजस्व विभाग की सराहना भी की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी जनपदों के कन्ट्रोल रूम से जुड़ा इन्टीग्रेटेड कन्ट्रोल रूम, प्रदेश में राहत कार्यों के तेजी से संचालन में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि सभी जिलों से सम्बद्ध इस वीडियो वॉल युक्त एकीकृत आपदा नियन्त्रण केन्द्र की स्थापना से कोरोना वायरस कोविड-19 की वैश्विक महामारी की स्थिति में राहत कार्यों को तीव्रतर ढंग से संचालित किया जा सकेगा।
इसके अलावा आपदा की अन्य स्थितियों में भी जरूरतमंद व्यक्तियों को त्वरित गति से सहायता पहुंचायी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि कन्ट्रोल रूम में एक-एक सूचना को प्राप्त कर संकलित किया जाए। सूचना को सही व्यक्ति तक पहुंचाने के साथ ही, उसका समाधान भी सुनिश्चित कराया जाए।