नई दिल्ली। इलेक्ट्रिक-वाहन बनाने वाली कंपनी टेस्ला (Tesla) कंपनी के शेयर में यह लगातार सातवीं गिरावट है और पिछले आठ महीनों में इस शेयर की सबसे कम कीमत है। टेस्ला के शेयर 109.10 डॉलर पर धड़ाम से गिरने के बाद इस कंपनी का मार्केट कैप 345 अरब डॉलर रह गया है। यह अब वॉलमार्ट इंक और एनवीडिया कॉर्प से कम है। अगर तुलना की जाए, तो एक साल पहले टेस्ला का मार्केट वैल्यूएशन 1 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा रहा था। नवंबर 2021 में अपने हाई प्राइस के मुकाबले टेस्ला के शेयर की कीमतों में करीब 73 फीसदी की गिरावट आई है। कंपनी के लिए दिसंबर खास तौर पर नुकसानदेह महीना साबित हुआ है, क्योंकि इसके शेयर प्राइस में 44 फीसदी की गिरावट आई है। जानकारों के मुताबिक, इसका मतलब है यह है कि 2010 में अपने आईपीओ आने के बाद से टेस्ला स्टॉक रिकॉर्ड स्तर पर अपने सबसे खराब महीने, तिमाही या साल की ओर बढ़ रहा है। इस तरह टेस्ला कंपनी ने प्रमुख टेक कंपनियों के बीच 2022 में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले शेयर के मामले में मेटा को भी पीछे छोड़ दिया है। इस गिरावट के बावजूद टेस्ला दुनिया में सबसे महंगी कार निर्माता कंपनी बनी हुई है,
जिसमें टोयोटा 222 बिलियन डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर मौजूद है। टेस्ला के शेयरों में इतनी तेजी से गिरावट की एक संभावित वजह यह है कि कंपनी के बॉस एलोन मस्क ने नवंबर 2021 के शिखर के अपने पीक पर पहुंचने के बाद से 40 बिलियन डॉलर के शेयरों को बेचा है। इस डील का बड़ा हिस्सा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के सबसे खराब अधिग्रहण पर खर्च किया गया।
मस्क ने कंपनी को करीब 44 बिलियन डॉलर में खरीदा था, जिसमें कहा गया था कि ट्विटर ने इस डील से करीब 13 बिलियन डॉलर का कर्ज लिया है। मस्क के अधिग्रहण के बाद से कंपनी लगातार उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रही है। कंपनी के टॉप लीडर को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। महत्वपूर्ण टीमों से छंटनी की जा रही है, एडवरटाइजर्स और यूजर्स इस प्लेटफॉर्म को छोड़ रहे हैं और एलन मस्क ट्विटर को बचाए रखने के लिए लगातार जूझ रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि बड़े कर्ज, कंपनी से हटाए गए लोगों को भुगतान पर होने वाले खर्च, नए लोगों को काम पर रखने की लागत और दूसरी चीजों पर होने वाले खर्चों के बीच ट्विटर को स्थिर होने से पहले बहुत ज्यादा नकद राशि की जरूरत हो सकती है। एडवरटाइजर्स के पलायन से यह काम और भी मुश्किल हो गया है। इस सब के बीच, मस्क ने ट्विटर के तथाकथित रिवाइवल को जारी रखने के लिए अपनी सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनी टेस्ला के शेयरों का इस्तेमाल किया है। इसके अलावा नए कारोबार और कई दूसरी वजहों से हुए घाटे से उबरने करने के लिए मस्क अपनी कंपनियों से इसकी भरपाई करते रहे हैं। इस बात के पिछले ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए ज्यादातर एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि मस्क भविष्य में टेस्ला के और ज्यादा शेयर बेचेंगे।
बेशक, दिसंबर में अपने लेटेस्ट 3।6 बिलियन डॉलर के स्टॉक सेल-ऑफ के बाद मस्क ने अपने घबराए हुए निवेशकों को आश्वासन दिया कि लगभग दो सालों तक टेस्ला के और ज्यादा शेयर बेचने की उनकी कोई योजना नहीं है। इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि मस्क ने अप्रैल में एक और बिकवाली के बाद इसी तरह का वादा किया था, जिसे निभाने में वे साफ तौर पर नाकामयाब रहे। जैसा कि रॉयटर्स ने बताया कि मस्क के हालिया बयान का कोई खास असर निवेशकों पर नहीं हुआ है। कंपनी के शेयरों की बिकवाली से परे टेस्ला के लिए ट्विटर ड्रामा आम तौर पर ठीक नहीं है, क्योंकि एक्सपर्ट्स ने इस बात को नोट किया है कि एलन मस्क का अपना व्यक्तित्व और उनकी कल्ट फॉलोइंग उनकी कंपनियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण मार्केटिंग एसेट हैं। इसलिए ट्विटर पर उनके छल-कपट उनकी सार्वजनिक छवि और निजी व्यक्तित्व को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे शेयरधारकों का विश्वास तो डगमगाएगा और उनकी कंपनियों का मार्केट परफॉरमेंस भी प्रभावित होगा।
हालांकि यह काफी बुरी खबर नहीं है, लेकिन हाल ही में रॉयटर्स की एक खास रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि टेस्ला जनवरी में अपने शंघाई प्लांट में कम उत्पादन करने की योजना बना रही थी। 2022 की पहली तिमाही में टेस्ला के लगभग आधे उत्पादन के लिए शंघाई प्लांट जिम्मेदार था। इस लिहाज से कम से कम कहने के लिए टेस्ला की वाहन डिलीवरी टारगेट को पूरा करने की क्षमता के लिए यह बड़ी खबर है। वहीं, रॉयटर्स ने कहा है कि टेस्ला ने इस बात का जिक्र नहीं किया कि उत्पादन में कमी क्यों की जा रही थी। इसमें यह भी कहा गया है कि चीन द्वारा जीरो-कोविड मानदंडों में ढील देने के बाद कोविड के मामलों तेजी से बढ़े और इसका असर चीन में मैन्युफैक्चरिंग पर पड़ा है। प्रोडक्शन में कमी के अलावा टेस्ला दूसरी कार बनाने वाली कंपनियों की तरह चीन में डिमांड में कमी का सामना कर रही है, जो दुनिया का सबसे बड़ा कार बाजार है। चीन की बात छोड़ दें, तब भी टेस्ला को अमेरिका में भी डिमांड की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जहां कंपनी ने कथित तौर पर दिसंबर में मॉडल 3 और मॉडल Y वाहनों पर 7,500 डॉलर की छूट की पेशकश की थी। इसके साथ ही दिसंबर में डिलीवर किए गए वाहनों के लिए पहले 10,000 मील (16,093 किमी) के लिए मुफ्त सुपर चार्जिंग जैसे दूसरे प्रोत्साहन दिए गए हैं।
इससे पहले टेस्ला कार मालिकों के पास गारंटीकृत मुनाफा पाने के लिए अपनी कारों को फ्लिप करने का विकल्प था, क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग लगातार उत्पादन से कहीं ज्यादा थी। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब हालात तेजी से बदल रहे हैं। रॉयटर्स को उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, इस्तेमाल की गई टेस्ला का मूल्य नवंबर में जुलाई के उच्चतम स्तर 67,297 डॉलर से 17 फीसदी कम रहा है। इस्तेमाल की गई टेस्ला नवंबर में औसतन 50 दिनों के लिए विक्रेता सूची में रही है। जबकि, दूसरी सभी इस्तेमाल की गई कारों के लिए यह अवधि केवल 38 दिनों की रही। इस रिपोर्ट के मुताबिक, इस्तेमाल की गई कारों के मूल्य में इस गिरावट के लिए कई बातें जिम्मेदार हैं।
इलेक्ट्रिक वाहनों के बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा से लेकर बढ़ती ब्याज दरों का मिला-जुला असर इस्तेमाल की गई कारों की कीमत पर पड़ा है। इससे ऐसी स्थिति पैदा हो रही है, जो न केवल इस्तेमाल की गई टेस्ला बल्कि नए कारों की कीमतों को भी प्रभावित कर रही है। बेशक टेस्ला को प्रभावित करने वाले कुछ खास कारणों के अलावा यह ध्यान रखना जरूरी है कि कुछ बड़े मैक्रो इकॉनॉमिक फैक्टर्स हैं, जो न केवल कार मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को प्रभावित कर रहे हैं। बल्कि ग्लोबल इकोनॉमी को भी बड़े पैमाने पर प्रभावित कर रहे हैं। साल 2022 का आखिर करीब है और महंगाई बरकरार है, यूएस फेड रिजर्व ने आगे भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने के संकेत दिए हैं। ऐसे में ज्यादातर आर्थिक विशेषज्ञ 2023 में अलग-अलग प्रभावों के साथ किसी न किसी तरह से मंदी की आशंका जता रहे हैं।