मुंबई। चौतरफा लिवाली के बल पर नित नये रिकॉर्ड बना रहे शेयर बाजार में तीव्र करेक्शन का अनुमान जताया जा रहा है। इसके मद्देनजर छोटे निवेशकों विशेषकर खुदरा निवेशकों को निवेश में सावधानी बरतने की सलाह दी गयी है।
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 2005.23 अंकों की जबदरस्त उछाल के साथ अब तक के सार्वकालिक रिकॉर्ड उच्चतम स्तर 58129.95 अंक के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी भी 631.35 अंकों की उछाल के साथ अब तक उच्चतम स्तर 173336.55 अंक पर पहुंच गया।
दिग्गज कंपनियों की तरह की छोटी और मझौली कंपनियों में भी जबरदस्त लिवाली देखी गयी है। बीएसई का मिडकैप 1126.80 अंकों की तेजी लेकर 24382.19 अंक पर और स्मॉलकैप 1021.16 अंक की बढ़त के साथ 27305.31 अंक पर पहुंच गया।
विश्लेषकों का कहना है कि जिस तरह से शेयर बाजार में पिछले दो सप्ताह से तेजी देखी जा रही है उससे शेयर बाजार में तीव्र करेक्शन की आशंका प्रबल हो रही है क्योंकि विदेशी संस्थागत निवेशक किसी भी समय मुनाफा काट कर निकल सकते हैं। विदेशी निवेशकों के बल पर ही शेयर बाजार नित नये रिकॉर्ड बना रहा है। इसके मद्देनजर छोटे निवेशकों विशेषकर खुदरा निवेशकों को सतर्क रहने की जररूत है।
उनका कहना है कि अगले सप्ताह भी वैश्विक स्तर पर ऐसा कोई घटनाक्रम नहीं दिख रहा है, जिससे दुनिया भर के बाजार को दिशा मिल सके। लेकिन, घरेलू स्तर पर जारी तेजी के बने रहने की संभावना है क्योंकि विदेशी निवेशक अभी भी भारत को लेकर उत्साहित हैं और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जीडीपी के आंकड़े उन्हें निवेश के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। कोरोना की तीसरी और चौथी लहर से दुनिया के कई देश बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।
चीन में भी इसके कारण कई प्रांतों में लॉकडाउन लग चुका है लेकिन भारत में केरल को छोड़कर पूरे देश में स्थिति अभी भी नियंत्रण में दिख रहा है, जिसके कारण विदेशी निवेशक आकर्षित हो रहे हैं। उनका कहना है कि हालांकि जिन राज्यों में स्कूल खुले हैं वहां कोरोना के मामलों में तेजी आयी है, जो चिंता की बात है। इसके मद्देनजर अभी भी राज्यों को सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।