नई दिल्ली। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के निर्णयों का ऐलान कर दिया गया है। RBI ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट 4% और रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर बरकरार है। ऐसे में साफ है कि आपको ईएमआई या लोन की ब्याज दरों पर नई राहत नहीं मिलेगी।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ग्लोबल इकनॉमी कमजोर है। लेकिन कोरोना की मार के बाद देश की अर्थव्यवस्था अब सुधर रही है। विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है। खुदरा महंगाई दर नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ रेट निगेटिव रहेगी। जून में लगातार चौथे महीने भारत के व्यापार निर्यात में कमी आई। घरेलू मांग में कमी और अंतर्राष्ट्रीय क्रूड तेल के दामों में कमी की वजह से जून महीने में आयात में काफी कमी आई।
रेपो रेट यहां 4 फीसदी ही रखी गई, वहीं रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बरकरार है। शक्तिकांत दास ने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकवरी शुरू हो गई है। हालांकि Q2 में ऊंची महंगाई दर का अनुमान लगाया गया है। बता दें, कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण बने हालात के बाद मार्च से लेकर अब तक आरबीआई रेपो रेट में 115 बेसिस पॉइंट की कमी कर चुका है। वहीं फरवरी 2019 से देखा जाए तो यह कमी 250 बेसिस पॉइंट तक पहुंच गई है।
इससे पहले मार्च में MPC की बैठक हुई थी। हालांकि तब बैठक पूर्वनिर्धारित नहीं थी, लेकिन अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए बैठक हुई और रेपो रेट में 75 बेसिस पॉइन्ट की कमी करते हुए इसे 4.4 फीसदी तक कम कर दिया गया। इसके बाद अगली बैठक भी जून में होना थी, लेकिन इसे 20 मई को ही पूरा कर लिया गया। तब 40 बेसिस पॉइंट की कटौती के साथ रेपो रेट को 4 फीसदी कर दिया गया।
कुल मिलाकर फरवरी के बाद से रेपो रेट में 1.5 फीसदी की कटौती हो चुकी है। इसके बाद बैंकों ने भी नए कर्ज पर 0.72 फीसदी तक ब्याज घटाया है। हालांकि जानकार रह रहे हैं कि आरबीआई के इन कदमों का अर्थव्यवस्था पर खास असर नहीं पड़ा है। आरबीआई के इन फैसलों से शेयर बाजार गुलजार हो गया है। दोपहर बाद सेंसेक्स 500 अंक मजबूत हुआ तो वहीं निफ्टी में भी 150 अंक की तेजी दर्ज की गई है। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 38 हजार अंक के पार तो वहीं निफ्टी 11,250 अंक के स्तर पर था।