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अमृतपाल सिंह अभी भी फरार, चाचा और ड्राइवर का सरेंडर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 20 2023 8:52PM | Updated Date: Mar 20 2023 8:52PM
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खालिस्तान (Khalistan) समर्थक और वारिस पंजाब दे (Waris Punjab De) के प्रमुख अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह (Harjit Singh) और गाड़ी ड्राइवर हरप्रीत सिंह (Harpreet Singh) ने जालंधर (Jalandhar) में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। वहीं अमृतपाल सिंह अभी भी फरार है।अमृतपाल सिंह की तलाश में पंजाब पुलिस (Punjab Police) लगी हुई है।पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी है।इस बीच पंजाब सरकार (Punjab Government) ने मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर रोक मंगलवार दोपहर तक के लिए बढ़ा दी है।वहीं पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह के 'वारिस पंजाब दे' के पांच सदस्यों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगा दिया है।एक अधिकारी ने बताया कि पंजाब पुलिस को अमृतपाल सिंह मामले में आईएसआई (ISI) कनेक्शन और विदेशी फंडिंग का संदेह है।

पुलिस के अनुसार अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह और ड्राइवर हरप्रीत सिंह ने रविवार देर रात जालंधर के मेहतपुर इलाके में एक गुरुद्वारे के पास सरेंडर कर दिया।सरेंडर के समय पुलिस उप महानिरीक्षक (सीमा क्षेत्र) नरिंदर भार्गव और दूसरे पुलिस अधिकारी भी वहां मौजूद थे। सरेंडर के दौरान बनाए गए एक वीडियो में हरजीत सिंह अपनी लाइसेंसी ।32 बोर पिस्तौल और एक-सवा लाख रुपये नकदी दिखाते हुए नजर आया।इसे वह मर्सिडीज कार में ले जा रहा था।बाद में पुलिस ने उसे जब्त कर लिया।अधिकारियों ने कहा कि हरजीत सिंह और हरप्रीत सिंह को अमृतसर (देहात) पुलिस अपने साथ ले गई।

अधिकारियों ने बताया कि हरजीत सिंह ने गायक-कार्यकर्ता दीप सिद्धू की ओर से स्थापित संगठन 'वारिस पंजाब दे' के खातों को संभालने में अमृतपाल सिंह की मदद की थी।हरजीत को अक्सर अमृतपाल के साथ देखा जाता था।सड़क दुर्घटना में सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल संगठन का प्रमुख बना था।जालंधर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने स्वर्णदीप सिंह ने कहा कि अमृतपाल की तलाश अब भी जारी है।इससे पहले पुलिस ने अमृतपाल के काफिले में शामिल दो वाहनों को जब्त कर लिया था। सोमवार को सोशल मीडिया पर प्रसारित सीसीटीवी फुटेज में शनिवार को, पुलिस की तरफ से अमृतपाल सिंह की गाड़ी का पीछा करते हुए देखा गया था।

इस बीच, पंजाब सरकार ने मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस (संदेश) सेवाओं पर रोक मंगलवार दोपहर तक बढ़ा दी है।गृह विभाग और न्याय विभाग की ओर से सोमवार को जारी किए गए आदेशानुसार, ‘‘यह निर्देश दिया जाता है कि सभी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं (2जी/3जी/4जी/5जी/सीडीएमए/जीपीआरएस), सभी एसएमएस सेवाएं (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) और मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली वॉयस कॉल के अलावा सभी डोंगल सेवाएं पंजाब में 20 मार्च (दोपहर 12 बजे से) से 21 मार्च (दोपहर 12 बजे) तक सार्वजनिक सुरक्षा के हित में, किसी भी तरह की हिंसा को रोकने, शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए निलंबित कर दी जाएं।"

अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि ब्रॉडबैंड सेवाओं को निलंबित नहीं किया जा रहा है, ताकि बैंकिंग सुविधाएं, अस्पताल सेवाएं और अन्य आवश्यक सेवाएं बाधित न हों।राज्य के अधिकारियों ने शनिवार को रविवार दोपहर तक इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर रोक लगा दी थी।इसके बाद इसे सोमवार दोपहर तक बढ़ाया गया था। पुलिस ने अमृतपाल और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के खिलाफ शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई शुरू की थी।हालांकि, जालंधर जिले में अमृतपाल सिंह के काफिले को रोके जाने के बाद वह वहां से भाग निकला था। पुलिस ने रविवार को पंजाब में ‘फ्लैग मार्च’ किया और उसके 34 और समर्थकों को गिरफ्तार किया और चार लोगों को हिरासत में लेकर असम की डिब्रूगढ़ जेल में भेज दिया। एअमृतपाल के नेतृत्व वाले 'वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों और राज्य में शांति-सद्भाव को भंग करने का प्रयास करने वालों के खिलाफ जारी मौजूदा अभियान के तहत राज्य की पुलिस अभी तक 114 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

अमृतपाल सिंह के खिलाफ यह कार्रवाई अमृतसर के नजदीक अजनाला थाने की घटना के कुछ हफ्तों बाद की जा रही है।अजनाला थाने को अमृतपाल समर्थकों ने घेर लिया था और पुलिस को यह आश्वासन देने को मजबूर किया था कि उसके एक साथी को रिहा कर दिया जाएगा। पंजाब में ‘हाई अलर्ट’ है।हालांकि, पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने दावा किया कि कानून-व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है और उसने जनता से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। पुलिस ने रविवार को बताया था कि उसने अमृतपाल और उसके समर्थकों के खिलाफ जालंधर में पुलिस नाका तोड़ने और एक गांव में एक वाहन से हथियार बरामद होने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने भी जिले में अमृतपाल सिंह के सात सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद शस्त्र अधिनियम के तहत शनिवार रात एक और प्राथमिकी दर्ज की थी। पुलिस ने आगाह किया है कि अफवाह फैलाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।पुलिस ने बताया कि वे अलग-अलग देशों, राज्यों और शहरों से फर्जी खबरों और नफरत फैलाने वाले भाषणों पर नजर रख रहे हैं।

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