बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रदीप कुमार सिंह पर पलटवार करते हुए कहा कि बिहार में महाराष्ट्र चैप्टर रिपीट नहीं हो सकेगा। दरअसल, बीजेपी एमपी प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र में विधायकों और सांसदों का अपनी पार्टी पर से भरोसा उठ जाने का क्या नतीजा हुआ ये सबने देखा है। उसी तरह बिहार में भी नीतीश सरकार पर से उनके सांसदों और विधायकों का विश्वास उठ रहा है। आने वाले समय में उनके सभी विधायक और सांसद, उनका साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लेंगे। इसी पर तेजस्वी ने पलटवार किया है। क्या भाजपा बिहार में भी महाराष्ट्र जैसी राजनीतिक उथल-पुथल को दोहराना चाहती है? इस सवाल के जवाब में तेजस्वी यादव ने कहा कि कुछ महीने पहले भारतीय जनता पार्टी ने बिहार में भी महाराष्ट्र जैसी कोशिश की थी लेकिन यहां महाराष्ट्र के उलट हो गया। तेजस्वी यादव का इशारा पिछले साल अगस्त महीने में हुए सत्ता में बदलाव की ओर था जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी से नाता तोड़कर आरजेडी व अन्य दलों के साथ मिलकर नई सरकार का गठन कर लिया था।
तेजस्वी यादव ने आरजेडी और जेडीयू के बीच हुई तीखी बयानबाजी और उससे उपजे कयासों पर विराम लगाते हुए कहा कि दोनों पार्टी की टॉप लीडरशिप में बेहतर तालमेल है और दोनों पार्टियों में सब ठीक है। उन्होंने कहा, आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव और जेडीयू के प्रमुख व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच तालमेल अच्छा है। महागठबंधन में यही दोनों शीर्ष नेता हैं। इसलिए दोनों पार्टियों में कौन क्या कहता है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। बिहार के शिक्षा मंत्री द्वारा रामचरितमानस पर दिए गए बयान का समर्थन करते हैं? इस पर उन्होंने कहा कि संविधान सभी धर्मों के सम्मान की बात कहता है और हम संविधान को मानकर चलने वाले लोग हैं। ऐसे में इन मुद्दों पर बात करने से मूल समस्याओं का समाधान नहीं पाया जा सकता। साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार के महागठबंधन में टूट की बातें बीजेपी की तय साजिश का हिस्सा हैं।