28 Mar 2024, 14:36:31 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
State

कमलनाथ मुख्यमंत्री बनने के बाद पैसों की कमी का रोना रोते थे - शिवराज

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 24 2021 4:08PM | Updated Date: Oct 24 2021 4:08PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

खंडवा। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज फिर वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने राज्य में सत्ता में रहते हुए जनता के विकास के लिए कुछ नहीं किया और वे हमेशा पैसों की कमी का रोना रोते थे।
 
चौहान ने खंडवा संसदीय क्षेत्र के अधीन आने वाले तितरानिया और खारवा में चुनावी सभाओं को संबोधित किया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल के पक्ष में आयोजित चुनावी सभाओं में चौहान ने कमलनाथ पर हमले जारी रखे। उन्होंने कहा कि कमलनाथ 15 माह तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन वे हमेशा पैसों की कमी का रोना रहते थे।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो व्यक्ति पैसों की कमी की बात करता हो, वो मुख्यमंत्री बनने लायक नहीं है। चौहान ने कहा, 'मैं भी मुख्यमंत्री हूं और मैंने कभी भी पैसों की कमी की बात नहीं की। हमेशा गरीबों के हित की योजनाएं बनायीं। किसानों के खातों में पैसे डलवाए। यदि कोई व्यक्ति पैसों की कमी की बात करे, तो वह मुख्यमंत्री बनने लायक नहीं है। पैसों की व्यवस्था करना मुख्यमंत्री का काम है।'
 
चौहान ने कहा कि वास्तव में देखा जाए तो जनता के हित में काम नहीं करने वाले कमलनाथ की किस्मत ही फूटी थी, जो उनके कांग्रेस के लाेग ही उन्हें उनकी नीतियों के कारण छोड़ कर चल दिए और वे मुख्यमंत्री पद से हट गए। उन्होंने जनता से भाजपा को वोट देने की अपील करते हुए कहा कि कांग्रेस जीत गयी, तो वे फिर से अपना समय लड़ने में लगा देंगे।
 
उन्होंने खंडवा संसदीय क्षेत्र से पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ पार्टी नेता नंदकुमार सिंह चौहान का स्मरण करते हुए कहा कि उनके अधूरे कार्यों को पूरा करने की जिम्मेदारी भाजपा और उनकी स्वयं की है। वे खंडवा संसदीय क्षेत्र में और तेजी से विकास करेंगे।
 
चौहान हाल के दिनों में खंडवा संसदीय क्षेत्र में अनेक सभाएं ले चुके हैं। इस दौरान वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के अलावा दिग्विजय सिंह को भी निशाने पर लेते रहे हैं और केंद्र तथा राज्य की भाजपा सरकारों की नीतियों का बखान करने से भी नहीं चूकते हैं।
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »