आइजोल. असम और मिजोरम में जारी सीमा विवाद के बीचमिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना ने असम पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने दावा किया है कि असम पुलिस के जवानों ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले फेंके. राज्य के गृह मंत्री ने सोमवार को कहा, 'असम पुलिस के महानिरीक्षक की अगुवाई में लगभग 200 असम सशस्त्र पुलिस के जवान आज कोलासिब जिले के वैरेंगटे शहर में स्थित ऑटो-रिक्शा स्टैंड पर आई. उन्होंने वहां तैनात सीआरपीएफ कर्मियों द्वारा तैनात ड्यूटी पोस्ट को जबरन पार किया और मिजोरम पुलिस द्वारा संचालित एक ड्यूटी पोस्ट को पलट दिया.'
उन्होंने आगे कहा, 'असम पुलिस द्वारा आगजनी की सूचना पर वैरेंगटे शहर के निवासी, पूछताछ के लिए घटनास्थल के लिए रवाना हुए, जहां असम पुलिस ने निहत्थे नागरिकों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे, जिससे कई नागरिक घायल हुए.' इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों से दोनों राज्यों के बीच चल रहे सीमा विवाद पर बात की और उनसे विवाद का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने को कहा.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा के साथ टेलीफोन पर अलग-अलग बातचीत के दौरान शाह ने उनसे अंतरराज्यीय सीमा पर शांति बनाए रखने को कहा. गृह मंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि सीमा विवाद को आपसी सहमति से हल करें. दोनों मुख्यमंत्रियों ने गृह मंत्री को आश्वासन दिया है कि शांति सुनिश्चित करने और सीमा मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
मिजोरम के तीन जिले - आइजोल, कोलासिब और ममित - असम के कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों के साथ लगभग 164.6 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं. दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद पुराना है और इससे निपटने के लिए 1995 के बाद से कई वार्ताएं हुई, लेकिन इनका कोई फायदा नहीं हुआ. विवाद की अहम वजह यह है कि सीमा को लेकर दोनों राज्य अलग-अलग नियम मानते हैं. मिजोरम जहां बंगाल पूर्वी सीमांत नियम, 1873 के तहत 1875 में अधिसूचित 509 वर्ग मील के आरक्षित वन क्षेत्र के अंदरुनी हिस्से को सीमा मानता है, वहीं असम 1933 में तय संवैधानिक नक्शे को मानता है.