नई दिल्ली। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव अतुल कुमार अनजान ने मजदूर -किसानों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल करार देते हुए गुरुवार को कहा कि हड़ताल के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठान और ग्रामीण बाजार 80 प्रतिशत बंद रहे।
अनजान ने यहां एक बयान में कहा कि देश के बैंक, एल आई सी जनरल बीमा, कोयला खदान, कई राज्यों के सड़क परिवहन निगम में पूर्ण बंदी - रही और हज़ारों किसान मजदूर "ग्रामीण भारत बंद" का नारा लेकर अपनी मांगों के समर्थन में उतरे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और हाल ही में संसद में पास किए गए श्रमिक एवं किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ देश के ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों ने मिलकर देशव्यापी हड़ताल तथा ग्रामीण भारत बंद का आयोजन किया। इससे से देश का सामाजिक, आर्थिक जनजीवन ठहर-सा गया।
उन्होंने बताया कि 27 नवंबर को देश के किसानों के "दिल्ली चलो" आव्हान के तहत दिल्ली को चारों तरफ से केंद्र सरकार ने पुलिस के माध्यम से घेर लिया और लाखों की संख्या में आ रहे पंजाब, हरियाणा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और सुदूर दक्षिण के राज्यों के किसानों की राजधानी में प्रवेश को लगभग रोक दिया।
भाकपा नेता ने कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश से दिल्ली में आने वाले दिल्ली गाजियाबाद बॉर्डर, दिल्ली फरीदाबाद बॉर्डर, करनाल हाईवे, हापुर उत्तर प्रदेश, दिल्ली चंडीगढ़ हाईवे, अंबाला पटियाला बॉर्डर, शंभू बॉर्डर अंबाला हरियाणा बॉर्डर सहित राज्य मार्गों पर पुलिस और किसानों के बीच में जमकर संघर्ष हुआ। घनघोर शीतलहर में किसानों पर पुलिस के द्वारा आंसू गैस का प्रयोग कर वाटर कैनन से पानी की बरसात कर उन्हें ंिभगोया गया फिर भी किसान डटे रहे।