श्रीनगर। कश्मीर में शनिवार को कुर्बानी का त्यौहार ईद उल अजहा धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण उत्सव बड़े पैमाने पर मनाया नहीं जा सका। ईद उल अजहा के मौके पर कश्मीर घाटी में पांच अगस्त तक लगाए गए लॉकडाउन के बावजूद हजारों भेड़ों और बकरियों की कुर्बानी दी गयी। कोरोना वायरस से प्रकोप के कारण प्रदेश में अबतक 377 लोगों की जान जा चुकी है और वित्तयी संकट की वजह से इस बार हर बार की तरह से कम जानवर की कुर्बानी हो सकी।
कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन के चलते जामिया मस्जिद समेत सभी मस्जिदे बंद रही और कोरोना से बचाव को ध्यान में रखते हुए किसी भी खुले मैदान या ईदगह पर नमाज अता नहीं की गयी। लोगों ने इस बार मुख्य शहरों, सिविल लाइंस और बाहरी इलाकों में बनी स्थानीय मस्जिदों में नमाज अता की और इस दौरन सभी एक-दूसरे से दूरी बनाये रखे और मास्क पहने दिखाई दिए। घाटी के अलग-अलग हिस्सों में स्थानीय छोटी मस्जिदों में भी लोगों ने नमाज अता की।
इस बार हालांकि कोरोना के कारण मैदानों और बाजारों में रौनक नहीं दिखी और अधिकांश इलाकों में सन्नाटा पसरा रहा। प्रदेश के राज्यपाल जीसी मुर्मू,उनके सलाहकार, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने ईद की मुबारक बाद दी। इसके अलावा सभी ने कोरोना से बचने के लिए दिशा-निर्देशों का पालन करने की भी अपील की।